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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Extradition of Tahawwur Rana – A Step Forward in India’s Fight Against Terrorism

 तहव्वुर हुसैन राणा का भारत प्रत्यर्पण: 26/11 मुंबई हमलों के लिए न्याय की दिशा में एक कदम

10 अप्रैल, 2025 को, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई-अमेरिकी नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया। यह घटना 2008 में हुए उन भयावह आतंकी हमलों के 17 साल बाद हुई है, जिसमें 166 से अधिक लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। राणा का भारत आगमन एक लंबी कानूनी लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है, जो मुंबई हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

राणा की पृष्ठभूमि और भूमिका

तहव्वुर हुसैन राणा एक पूर्व पाकिस्तानी सैन्य चिकित्सक था, जो बाद में कनाडा और अमेरिका में व्यवसायी बन गया। उसका नाम तब सुर्खियों में आया जब यह पता चला कि वह डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी था। हेडली, जो मूल रूप से अमेरिकी-पाकिस्तानी नागरिक था, ने मुंबई हमलों की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन हमलों को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने अंजाम दिया था। राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को मुंबई की रेकी करने और हमले की साजिश रचने में सहायता प्रदान की थी। उसने अपने आव्रजन व्यवसाय के बहाने हेडली को भारत में घूमने के लिए कवर प्रदान किया था।

प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया

राणा को 2009 में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था और वहां उस पर शिकागो में एक डेनिश अखबार के खिलाफ साजिश और मुंबई हमलों में सहायता के आरोप लगे थे। हालांकि, 2011 में एक अमेरिकी अदालत ने उसे मुंबई हमलों में सीधे संबंध से बरी कर दिया था, लेकिन आतंकी संगठन को सामग्री सहायता प्रदान करने के लिए दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उसे 14 साल की सजा सुनाई गई थी। भारत ने लगातार राणा के प्रत्यर्पण की मांग की, जिसके लिए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत औपचारिक अनुरोध किया गया।

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कई कानूनी अड़चनें आईं। राणा ने अमेरिकी अदालतों में कई अपील दायर कीं, जिसमें यह दावा किया गया कि भारत में उनकी सजा दोहरे खतरे (डबल जियोपार्डी) का उल्लंघन होगी। हालांकि, जनवरी 2025 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी। इसके बाद फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत में इस प्रत्यर्पण को अंतिम मंजूरी दी गई। इस सप्ताह की शुरुआत में लॉस एंजिल्स में राणा को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम को सौंप दिया गया।

भारत में आगमन और आगे की कार्रवाई

दिल्ली पहुंचने पर राणा को तिहाड़ जेल के एक उच्च-सुरक्षा वार्ड में रखा गया है। उस पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आपराधिक साजिश, आतंकवाद और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन अपराधों के लिए उसे मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां उम्मीद कर रही हैं कि राणा से पूछताछ के दौरान मुंबई हमलों की साजिश के बारे में और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आएगी, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संभावित संबंधों का खुलासा हो सकता है।

26/11 हमले: एक दर्दनाक स्मृति

26 नवंबर, 2008 को शुरू हुए मुंबई हमले भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकी घटनाओं में से एक है। दस लश्कर आतंकियों ने ताजमहल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नरीमन हाउस और अन्य स्थानों पर 60 घंटे तक आतंक मचाया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे, और 300 से अधिक घायल हुए थे। हमले के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी, लेकिन साजिश के कई प्रमुख किरदार अभी तक न्याय के दायरे से बाहर थे।

निष्कर्ष

राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत है। यह न केवल 26/11 के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के संयुक्त संकल्प को भी दर्शाता है। जैसे-जैसे राणा का मुकदमा आगे बढ़ेगा, दुनिया की नजर इस बात पर रहेगी कि क्या यह मामला मुंबई हमलों की पूरी सच्चाई को उजागर कर पाएगा और क्या यह भारत-पाकिस्तान संबंधों पर कोई नया प्रभाव डालेगा। अभी के लिए, यह कदम उस लंबे इंतजार के अंत का प्रतीक है जो पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहा था।


26/11 मुंबई आतंकी हमले और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से जुड़े विषय पर UPSC GS (General Studies) के संभावित प्रश्न इस प्रकार हो सकते हैं:

GS Paper 2 (Governance, Constitution, Polity, International Relations):

  1. भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख करें। भारत को तहव्वुर राणा जैसे अपराधियों के प्रत्यर्पण में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
    (10 अंक, 150 शब्द)

  2. आतंकवाद के विरुद्ध भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भूमिका पर चर्चा करें। हाल के घटनाक्रमों के उदाहरण दें।
    (15 अंक, 250 शब्द)

  3. भारत में आतंकवाद निरोधक कानूनों की प्रासंगिकता एवं आलोचना पर विचार करें। क्या वर्तमान कानून प्रभावी हैं? सुधार हेतु सुझाव दें।
    (15 अंक, 250 शब्द)


GS Paper 3 (Internal Security, Disaster Management):

  1. 26/11 जैसे आतंकी हमलों के संदर्भ में भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की कमियों और सुधारात्मक उपायों पर चर्चा करें।
    (15 अंक, 250 शब्द)

  2. साइबर आतंकवाद एवं सीमा-पार आतंकवाद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किस प्रकार खतरा बनते हैं? सरकारी प्रयासों का मूल्यांकन करें।
    (10 अंक, 150 शब्द)

  3. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की भूमिका और सीमाओं पर चर्चा करें, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय आतंकी मामलों की जांच में।
    (10 अंक, 150 शब्द)

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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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