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UPSC CSE 2024 Topper: शक्ति दुबे बनीं पहली रैंक होल्डर | जानिए उनकी सफलता की कहानी

संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...

WHO Recommends Low-Sodium Salt: A Healthier Choice for a Better Life

  विषय: कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम विवरण: यह लेख विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के आधार पर कम सोडियम वाले नमक (Low Sodium Salt Substitute - LSSS) के महत्व को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि अत्यधिक सोडियम का सेवन कैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। साथ ही, यह भी समझाया गया है कि कम सोडियम वाला नमक, जिसमें पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है, किस प्रकार रक्तचाप को नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ रखने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। इस लेख में कम सोडियम वाले नमक के फायदे, इसके उपयोग के तरीके और इससे होने वाले संभावित लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि किन लोगों को इस नमक का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। लेख का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ खान-पान की ओर प्रेरित करना है। कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम परिचय आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान की आदतें और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही हैं। इ...

सूर्य पर कोरोनल होल: वैज्ञानिक शोध और रचनात्मक कल्पना का संगम

 सूर्य का अध्ययन सौर विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो न केवल खगोलविदों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जिज्ञासा और प्रेरणा का विषय बना हुआ है। हाल ही में सूर्य पर पाए गए "कोरोनल होल" ने विज्ञान और कला की सीमाओं को जोड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है। इन्हें देखकर कल्पनाशील लोगों ने इसे "इमेज सेसम स्ट्रीट" के पात्र 'बिग बर्ड' जैसा आकार बताया। यह रचनात्मक दृष्टिकोण दर्शाता है कि कैसे वैज्ञानिक घटनाएँ हमारी कल्पना को प्रोत्साहित कर सकती हैं। कोरोनल होल: क्या हैं और क्यों महत्वपूर्ण हैं? कोरोनल होल सूर्य के बाहरी वातावरण यानी उसके कोरोना के ऐसे क्षेत्र हैं जो अपेक्षाकृत ठंडे और कम घने होते हैं। इनका काला दिखना सौर प्लाज़्मा की कमी और चुंबकीय क्षेत्र के खुलने के कारण होता है। कोरोनल होल से निकलने वाली उच्च गति वाली सौर हवा (solar wind) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करती है, जिससे भू-चुंबकीय तूफान और ध्रुवीय प्रकाश (auroras) जैसी घटनाएँ होती हैं। इनकी खोज 1960 के दशक में हुई, जब वैज्ञानिकों ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष यानों और एक्स-र...

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