करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
संचार साधी ऐप: सुरक्षा कवच या गोपनीयता पर चोट? विवाद की गहराई से पड़ताल परिचय डिजिटल तकनीक के इस दौर में स्मार्टफोन केवल एक गैजेट नहीं, बल्कि हमारी व्यक्तिगत दुनिया का विस्तार बन चुके हैं—चाहे वह संचार हो, बैंकिंग, पहचान या रोज़मर्रा के कामकाज। इसी वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने नागरिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से ‘संचार साधी’ ऐप प्रस्तुत किया था। यह ऐप मोबाइल-संबंधित धोखाधड़ी, अवैध मोबाइल कनेक्शनों और चोरी हुए फोनों की पहचान जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विकसित किया गया था। हालांकि, नवंबर 2025 में स्थिति बदल गई, जब दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी मोबाइल निर्माताओं को निर्देश दिया कि वे अपने नए फोनों में इस ऐप को प्री-इंस्टॉल करें। इसके बाद से विवादों की झड़ी लग गई—राजनीतिक दल, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और गोपनीयता अधिकार कार्यकर्ता इसे नागरिक स्वतंत्रता पर संभावित हमला मान रहे हैं। वहीं सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के लिए अत्यावश्यक कदम बता रही है। यह लेख इसी बहस का संतुलित और व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। संचार साधी ऐप: उद्देश्य और कामकाज संचार...