करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
बिहार में माइक्रोफाइनेंस कर्जजाल: NRLM की असफलता या सिस्टमिक समस्या? भूमिका: कर्ज का पहाड़ और मिटती उम्मीदें मुजफ्फरपुर जिले की 38 वर्षीय रेखा देवी कभी नहीं सोच सकती थीं कि अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लिया गया 50,000 रुपये का छोटा-सा कर्ज कुछ ही वर्षों में 3.2 लाख रुपये के बवंडर में बदल जाएगा। हर महीने 8,000 रुपये चुकाने के बावजूद उनका कर्ज घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। ब्याज दर? 28–32 प्रतिशत प्रति वर्ष। रेखा अकेली नहीं हैं— CRISIL-MFIN की रिपोर्ट बताती है कि बिहार की 68% SHG महिलाएँ इसी तरह के कर्ज चक्र में फँस चुकी हैं , जहाँ से बाहर निकलना लगभग असंभव होता जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या यह NRLM की विफलता है या पूरी माइक्रोफाइनेंस व्यवस्था की गहरी सिस्टमिक समस्या ? माइक्रोफाइनेंस मॉडल: सशक्तिकरण से कर्जजाल तक भारत में माइक्रोफाइनेंस की संरचना तीन स्तरों पर आधारित है— SHG (Self-Help Groups) : 10–15 महिलाओं का बचत समूह MFI (Microfinance Institutions) : SHG को बड़ा कर्ज देने वाली संस्थाएँ बैंक : PSL के अंतर्गत MFIs को पूंजी उपलब्ध करवाते हैं बैंक MFIs को 8–12% ब...