करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Cyber Jagrukta Diwas 2025: Cyber Cell Email Ghotale se Bachne ke Upay aur Satarkta ke Pramukh Sanket
साइबर जागरूकता दिवस नवंबर 2025: साइबर सेल ईमेल घोटाले से सतर्क रहें परिचय आज के डिजिटल युग में जहाँ इंटरनेट ने जीवन को सरल बनाया है, वहीं इसके समानांतर साइबर अपराधों का जाल भी तेजी से फैल रहा है। बैंकिंग, ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया या सरकारी सेवाओं – हर क्षेत्र में ऑनलाइन उपस्थिति बढ़ने के साथ-साथ ठगी के नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। नवंबर 2025 में मनाया जा रहा साइबर जागरूकता दिवस (Cyber Jaagrookta Diwas) हमें यही याद दिलाता है कि सुरक्षा केवल तकनीक से नहीं, बल्कि जागरूकता से सुनिश्चित होती है। हाल के दिनों में जिस घोटाले ने विशेष रूप से चिंता बढ़ाई है, वह है “साइबर सेल ईमेल स्कैम” — एक ऐसा धोखा जिसमें ठग खुद को सरकारी अधिकारी या साइबर सेल का प्रतिनिधि बताकर लोगों को डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। इस लेख में हम इस घोटाले की कार्यप्रणाली, पहचान के संकेत, उसके प्रभावों और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। घोटाले की प्रकृति साइबर ठग इस प्रकार के ईमेल भेजते हैं जिनमें वे खुद को “साइबर सेल” या “पुलिस विभाग” का अधिकारी बताते हैं। ईमेल में यह आरोप लगाया जाता है कि प्राप्तकर्ता ...