करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
🌍 फिलिस्तीन की कहानी: संघर्ष, विभाजन और शांति की तलाश 1- शुरुआत: एक पवित्र भूमि में बढ़ता तनाव (1917-1947) फिलिस्तीन वह जगह है जिसे यहूदी, ईसाई और मुसलमान तीनों पवित्र मानते हैं। लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में यह भूमि राजनीति और संघर्ष का मैदान बन गई। 1917 में ब्रिटेन ने बाल्फोर घोषणापत्र जारी किया। इसमें यहूदियों के लिए फिलिस्तीन में एक “राष्ट्रीय घर” बनाने का वादा किया गया। 1920 में लीग ऑफ नेशन्स ने ब्रिटेन को फिलिस्तीन का शासन (ब्रिटिश मण्डेट) सौंप दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान यहूदी आप्रवासन तेज़ी से बढ़ा। अरब समुदाय को लगा कि उनकी ज़मीन और अधिकार छिन जाएंगे। 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बाँटने का प्रस्ताव दिया: 55% यहूदी राज्य (इजराइल) के लिए 45% अरब राज्य(नए फिलिस्तीन) के लिए जेरूसलम – अंतरराष्ट्रीय प्रशासन के अधीन लेकिन अरब देशों और फिलिस्तीनियों ने इसे अपनी ज़मीन का बँटवारा मानकर ठुकरा दिया। 2- इजरायल का जन्म और नक्बा (1948-49) 14 मई 1948 को ब्रिटिश मण्डेट खत्म होते ही इजरायल ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। अरब देशों ने युद्ध छेड़ दि...