करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
संपादकीय लेख: “भारत-चीन संबंधों की नई समझ : ‘Unwrapping the China Enigma’ का विमोचन” परिचय भारत-चीन संबंध 21वीं सदी की एशियाई भू-राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण और जटिल समीकरणों में से एक हैं। सीमा विवाद, व्यापारिक असंतुलन, रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और वैश्विक मंच पर बढ़ते प्रभाव की होड़ — ये सभी कारक इस रिश्ते को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। ऐसे समय में जब नीति-निर्माण और सार्वजनिक विमर्श दोनों में चीन को लेकर दृष्टिकोण और गहराई की आवश्यकता है, द हिंदू ग्रुप द्वारा आयोजित Unwrapping the China Enigma का विमोचन विशेष महत्व रखता है। किताब का विमोचन: विचार और विमर्श का मंच नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत-चीन संबंधों को समझने की नई दृष्टि दी। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले, अशोक कांठा, मनोज जोशी, संतोष पाई और अन्य विशेषज्ञों ने पुस्तक के माध्यम से चीन के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक आयामों पर चर्चा की। यह आयोजन केवल पुस्तक विमोचन नहीं, बल्कि संवाद, चिंतन और वैकल्पिक दृष्टिकोण के आदान-प्रदान का मंच बना। चीन पर भारत का दृष्टिकोण: विशेषज्ञों के संके...