करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
नेतन्याहू का यूएन संबोधन और ट्रंप का वेस्ट बैंक पर बयान – मध्य पूर्व में बदलते समीकरण इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का संयुक्त राष्ट्र महासभा का हालिया संबोधन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वेस्ट बैंक के विलय पर कड़ा रुख मध्य पूर्व की भू-राजनीति में एक नए तनाव का संकेत देता है। नेतन्याहू ने अपने भाषण में जहां ईरान, हमास और हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर इजरायल की सुरक्षा नीतियों का बचाव किया, वहीं ट्रंप का यह कहना कि वे वेस्ट बैंक के विलय की अनुमति नहीं देंगे, इजरायल-अमेरिका संबंधों में एक अप्रत्याशित मोड़ लाता है। यह घटनाक्रम क्षेत्रीय शांति प्रक्रिया के लिए नई चुनौतियां और संभावनाएं दोनों प्रस्तुत करता है। ट्रंप का बयान: नीतिगत बदलाव या रणनीतिक चाल? ट्रंप का वेस्ट बैंक विलय को खारिज करना उनके पहले कार्यकाल की नीतियों से उलट है, जब उन्होंने इजरायल के प्रति उदार रुख अपनाया था। जेरूसलम को इजरायल की राजधानी मान्यता देना और गोलान हाइट्स पर इजरायल के दावे का समर्थन करना उनके ऐसे फैसले थे, जिन्हें नेतन्याहू की सरकार ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया था। लेकिन वेस्ट बैंक पर उनका त...