करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Physics Wallah: शिक्षा से स्टार्टअप और पूँजी बाज़ार तक – UPSC दृष्टिकोण से एक अध्ययन भारत में शिक्षा को लंबे समय से केवल विद्यालयों और विश्वविद्यालयों तक सीमित माना जाता रहा है, लेकिन डिजिटल क्रांति ने इसे एक नए युग में प्रवेश कराया। इस बदलाव के अग्रदूतों में अलख पांडे का नाम प्रमुख है, जिन्होंने Physics Wallah (PW) के रूप में ऑनलाइन शिक्षा को न केवल लोकप्रिय बनाया, बल्कि इसे लाखों छात्रों तक सुलभ और किफ़ायती भी कराया। हाल ही में कंपनी का IPO फाइल होना यह दर्शाता है कि शिक्षा आधारित स्टार्टअप अब केवल सामाजिक मिशन तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी भारत की नई उभरती ताक़त बन रहे हैं। शिक्षा और गवर्नेंस (GS Paper 2) डिजिटल शिक्षा का लोकतंत्रीकरण : Physics Wallah ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी छात्रों तक कम कीमत में गुणवत्तापूर्ण कोचिंग पहुँचाई। यह शिक्षा के लोकतंत्रीकरण का उदाहरण है। NEP 2020 और एड-टेक : राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऑनलाइन और हाइब्रिड शिक्षा को बढ़ावा देती है। Physics Wallah जैसे प्लेटफ़ॉर्म इसके व्यवहारिक रूप का उदाहरण हैं। शिक्षा का निजीकरण बनाम सामाजिक उत्तरदायित्व :...