सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...
Analyze China’s hydropower project on the Brahmaputra River in the context of water diplomacy and India-China relations
ब्रह्मपुत्र पर संकट की आहट : चीन के बांध से पूर्वोत्तर भारत की चुनौती चीन द्वारा तिब्बत में यारलुंग त्संगपो नदी पर प्रस्तावित जलविद्युत परियोजना न केवल विश्व की सबसे बड़ी बांध परियोजना बनने जा रही है, बल्कि यह भारत, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गहन चिंता का विषय भी बन गई है। 60,000 मेगावाट की अनुमानित क्षमता वाला यह बांध चीन के शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक हो सकता है, किंतु इसके साए में भारत की पारिस्थितिकी, आर्थिक स्थिरता और रणनीतिक संतुलन पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं। पानी की राजनीति और संभावित विनाश ब्रह्मपुत्र भारत की प्रमुख नदियों में से एक है, जो असम और अरुणाचल प्रदेश की जीवनरेखा है। इस नदी पर चीन की जल-नियंत्रण क्षमता एक प्रकार का जल-हथियार (Water Weapon) बन सकती है। मानसून में यदि चीन अत्यधिक पानी छोड़ता है, तो पूर्वोत्तर में बाढ़ से तबाही मच सकती है, वहीं सूखे के समय पानी रोकना कृषि संकट और जल संकट को जन्म दे सकता है। असम जैसे कृषि-प्रधान राज्य के लिए यह दोहरी मार होगी। पर्यावरणीय असंतुलन की चेतावनी यह परियोजना न केवल मानव जीवन पर प्रभाव डालेगी, बल्कि प्रकृति पर भी गंभीर आघ...