Skip to main content

MENU👈

Show more

UPSC CSE 2024 Topper: शक्ति दुबे बनीं पहली रैंक होल्डर | जानिए उनकी सफलता की कहानी

संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...

Why PSIR is a Popular Choice for UPSC Aspirants: Benefits, Challenges, and Tips

 "यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए PSIR क्यों है लोकप्रिय: फायदे, चुनौतियाँ और टिप्स"

यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध (PSIR) वैकल्पिक विषय की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में आसमान छू रही है। यह विषय न केवल रोचक है, बल्कि रणनीतिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी अभ्यर्थियों का पसंदीदा बन गया है। आइए, इसे और सरल, रोचक और समृद्ध भाषा में समझते हैं कि आखिर PSIR इतना खास क्यों है और इसे चुनने के क्या फायदे-नुकसान हैं।

🌟 PSIR की चमक: क्यों है यह इतना लोकप्रिय?

1. सामान्य अध्ययन (GS) का सुपरपावर कनेक्शन 🦸‍♂️

PSIR का पाठ्यक्रम GS पेपर II (राजनीति, शासन, अंतरराष्ट्रीय संबंध) और GS पेपर IV (नैतिकता) से सीधा-सीधा जुड़ा हुआ है। मतलब, PSIR पढ़ते समय आपकी GS की तैयारी भी अपने आप हो जाती है! यह समय की बचत का शानदार तरीका है। उदाहरण के लिए, अगर आप PSIR में भारत की विदेश नीति पढ़ रहे हैं, तो यह GS में भी काम आएगी। यह तो ऐसा है जैसे एक तीर से दो निशाने!

2. हाई स्कोरिंग का जादू 🎯

PSIR को UPSC में स्कोरिंग विषय माना जाता है। इसका पाठ्यक्रम स्पष्ट और व्यवस्थित है, जिससे उत्तर लिखते समय आपकी बातें सटीक और प्रभावी लगती हैं। अगर आप अच्छे से पढ़ाई और प्रैक्टिस करें, तो PSIR में बड़े नंबर लाना कोई सपना नहीं। टॉपर्स के स्कोर (300+ अंक) इसकी मिसाल हैं।  

3. सबके लिए खुला दरवाजा 🚪

PSIR एक गैर-तकनीकी विषय है, यानी इसे समझने के लिए आपको इंजीनियरिंग या साइंस की डिग्री की जरूरत नहीं। अगर आप अखबार पढ़ते हैं, समाचार देखते हैं, या दुनिया की राजनीति में रुचि रखते हैं, तो PSIR आपके लिए आसान और मजेदार हो सकता है। उदाहरण के लिए, भारत-पाकिस्तान संबंध या G20 जैसे टॉपिक्स को समझना रोचक भी है और आसान भी।

4. साक्षात्कार में बनाएगा सुपरस्टार 🌍

PSIR पढ़ने से आपको वैश्विक मुद्दों, कूटनीति, और शासन की गहरी समझ मिलती है। जब साक्षात्कार में आपसे पूछा जाएगा कि "भारत की जलवायु नीति क्या है?" या "यूक्रेन-रूस युद्ध का भारत पर असर?", तो आप आत्मविश्वास से जवाब देंगे। यह विषय आपको न सिर्फ सूचनाएं देता है, बल्कि उन्हें विश्लेषण करने की कला भी सिखाता है।

5. सामग्री की भरमार 📚

PSIR के लिए ढेर सारी किताबें, नोट्स, और कोचिंग सामग्री उपलब्ध है। चाहे आप शुभ्रा रंजन के नोट्स लें, ओ.पी. गौबा की किताब पढ़ें, या ऑनलाइन लेक्चर सुनें, आपके पास विकल्पों की कमी नहीं। साथ ही, इंटरनेट पर PSIR के लिए फ्री रिसोर्स भी खूब हैं, जैसे यूट्यूब लेक्चर और ब्लॉग्स।

6. टॉपर्स का भरोसा 🏅

PSIR कई UPSC टॉपर्स की पहली पसंद रहा है। मिसाल के तौर पर, टीना डाबी (AIR 1, 2015) और ईशिता किशोर (AIR 1, 2022) ने PSIR चुना और शानदार अंक हासिल किए। इनकी सफलता ने नए अभ्यर्थियों को प्रेरित किया है कि PSIR के साथ बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

⚠️ थोड़ा रुकिए: चुनौतियां भी हैं!

PSIR जितना आकर्षक है, उतना ही मेहनत भी मांगता है। आइए, कुछ चुनौतियों पर नजर डालें:

विशाल पाठ्यक्रम 📖

PSIR का सिलेबस काफी विस्तृत है। पेपर I में राजनीतिक सिद्धांत और भारतीय राजनीति, तो पेपर II में तुलनात्मक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध शामिल हैं। हर टॉपिक को गहराई से पढ़ना पड़ता है। मिसाल के लिए, आपको अरस्तू से लेकर मार्क्स तक और UNO से लेकर WTO तक सब समझना होगा।

उत्तर लेखन का दम ✍️

PSIR में अच्छे अंक लाने के लिए आपके उत्तर न सिर्फ तथ्यात्मक होने चाहिए, बल्कि विश्लेषणात्मक और अच्छी तरह संरचित भी। इसके लिए खूब प्रैक्टिस चाहिए। अगर आपने सही तरीके से अभ्यास नहीं किया, तो बड़े नंबर लाना मुश्किल हो सकता है।

पृष्ठभूमि का रोल 🎓

अगर आपकी पढ़ाई का बैकग्राउंड राजनीति विज्ञान या संबंधित क्षेत्र से नहीं है, तो शुरू में थोड़ा समय लग सकता है। लेकिन चिंता न करें, मेहनत और सही दिशा के साथ कोई भी इस विषय में मास्टर बन सकता है।

✅ तो, क्या PSIR आपके लिए सही है?

अगर आपको दुनिया की राजनीति, भारत का संविधान, या अंतरराष्ट्रीय खबरें पढ़ने में मजा आता है, तो PSIR आपके लिए बिल्कुल सही है। यह विषय न सिर्फ आपकी मेन्स और प्रीलिम्स की तैयारी को मजबूत करेगा, बल्कि साक्षात्कार में भी आपको आत्मविश्वास देगा। लेकिन, इसे चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:

  • क्या आपके पास पाठ्यक्रम को कवर करने का समय और धैर्य है?
  • क्या आप नियमित रूप से अखबार पढ़कर समसामयिक मुद्दों को जोड़ सकते हैं?
  • क्या आप उत्तर लेखन के लिए प्रैक्टिस करने को तैयार हैं?

🚀 आगे की राह: PSIR में कैसे चमकें?

अगर आप PSIR चुनने का मन बना चुके हैं, तो यहाँ कुछ टिप्स हैं:

  • शुरुआत करें बेसिक्स से: ओ.पी. गौबा की किताब "An Introduction to Political Theory" से शुरुआत करें।
  • अखबार को दोस्त बनाएं: 'The Hindu' या 'Indian Express' पढ़ें और PSIR के टॉपिक्स से जोड़ें।
  • उत्तर लेखन प्रैक्टिस: पिछले वर्षों के प्रश्न हल करें और अपने उत्तर किसी मेंटर या दोस्त से चेक करवाएं।
  • समसामयिक अपडेट्स: अंतरराष्ट्रीय संगठनों (जैसे UN, WTO) और भारत की विदेश नीति पर नजर रखें।

🙋‍♂️ और सवाल हैं?

अगर आप PSIR के बारे में और जानना चाहते हैं, जैसे:

विस्तृत सिलेबस (पेपर I और II का आसान ब्रेकडाउन),

बेस्ट किताबें और रिसोर्स (कौन सी किताबें जरूरी, कौन सी छोड़ें),

उत्तर लेखन की ट्रिक्स (टॉपर्स जैसे उत्तर कैसे लिखें),

समसामयिक मुद्दों को जोड़ने का तरीका (जैसे, हाल की G20 समिट या भारत-चीन संबंध),

या फिर टॉपर्स की स्ट्रैटेजी,

तो मुझे बताएं! मैं आपके लिए और भी रोचक, सरल और उपयोगी जानकारी लाऊंगा। साथ ही, अगर GS, निबंध, या साक्षात्कार की तैयारी में मदद चाहिए, तो वह भी पूछ सकते हैं। आइए, UPSC की इस जंग में आपकी जीत सुनिश्चित करें! 💪

Previous & Next Post in Blogger
|
✍️ARVIND SINGH PK REWA

Comments

Advertisement