सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...
इस संपादकीय लेख में "आयकर विधेयक, 2025" की प्रमुख विशेषताओं, इसके लाभों, चुनौतियों और संभावित प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की गई है। यह विधेयक भारत की कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लेख में करदाताओं के लिए नई कर संरचना, कर विवाद समाधान तंत्र, डिजिटल कराधान, और सरकार की संभावित रणनीतियों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही, इसमें इस विधेयक के सफल क्रियान्वयन के लिए सुझाव भी दिए गए हैं, जिससे यह देश की अर्थव्यवस्था और कर अनुपालन प्रणाली को मजबूत कर सके। नए आयकर विधेयक 2025: कर सुधारों की नई दिशा भारत सरकार द्वारा हाल ही में प्रस्तुत "आयकर विधेयक, 2025" देश की कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करने की योजना के तहत पेश किया गया है। करदाताओं के लिए इसे अधिक सुगम और समझने योग्य बनाने के लिए कई संशोधन किए गए हैं। यह विधेयक किसी नए कर का प्रावधान नहीं करता, बल्कि मौजूदा कर ढांचे को पुनर्संगठित और अद्यतन करने का प्रयास करता है। इस लेख में, हम नए विधेयक क...