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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Aishwarya Rai Bachchan Personality Rights Case | UPSC Analysis

ऐश्वर्या राय बच्चन का व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कानूनी संघर्ष: यूपीएससी दृष्टिकोण से बहुआयामी विश्लेषण भूमिका 9 सितंबर 2025 को बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका ने व्यक्तित्व अधिकार (Personality Rights) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया। उन्होंने अपनी छवि, नाम और आवाज़ के अनधिकृत प्रयोग, विशेषकर AI-जनित अश्लील सामग्री (deepfake pornography) पर रोक की मांग की। यह प्रकरण न केवल सेलिब्रिटी की निजता का मामला है, बल्कि यह डिजिटल युग की कानूनी, तकनीकी, सामाजिक और नैतिक चुनौतियों की गहराई को भी उजागर करता है। यूपीएससी की दृष्टि से यह मामला GS पेपर 1 (सामाजिक मुद्दे), GS पेपर 2 (संविधान, शासन और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य), GS पेपर 3 (प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा) तथा GS पेपर 4 (नैतिकता) के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। घटना का सार ऐश्वर्या राय बच्चन ने आरोप लगाया कि उनकी अनुमति के बिना उनका नाम, आवाज़ और छवि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपयोग हो रहा है। AI तकनीक का उपयोग करके उनके खिलाफ डीपफेक अश्लील...

India's New Digital Data Protection Law: A Comprehensive Analysis

भारत में नया डिजिटल डेटा संरक्षण कानून: एक विस्तृत निबंध ✍️ भूमिका 21वीं सदी में डिजिटल क्रांति ने दुनिया को एक नई दिशा दी है। इंटरनेट और तकनीक के बढ़ते उपयोग ने डेटा को सबसे मूल्यवान संसाधन बना दिया है। इसी के साथ व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। भारत सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम (DPDP Act), 2023 को पारित किया। यह कानून नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा करने और डेटा के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मार्च 2025 में सरकार ने इस कानून में संशोधन बिल पेश किया, जिसका उद्देश्य इसे अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाना है। यह लेख भारत में नए डिजिटल कानून की प्रमुख विशेषताओं, चुनौतियों, प्रभाव और वैश्विक परिप्रेक्ष्य का विस्तार से विश्लेषण करेगा। ✅ डिजिटल कानून की पृष्ठभूमि और आवश्यकता भारत में डेटा सुरक्षा को लेकर मजबूत कानून की मांग लंबे समय से हो रही थी। 2017 का जस्टिस पुट्टस्वामी फैसला (अनुच्छेद 21 के तहत गोपनीयता को मौलिक अधिकार घोषित किया गया) डेटा सुरक्षा कानून की नींव बना। 2018: जस्टिस बी.एन. श...

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