करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस): विवादों का इतिहास, कानूनी स्थिति और समकालीन भारत में वैचारिक तनाव परिचय भारत की राजनीतिक और वैचारिक संरचना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक ऐसा संगठन है जिसने लगभग एक शताब्दी से सत्ता, संस्कृति और समाज के बीच की सीमाओं को परिभाषित किया है। 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित, आरएसएस का घोषित उद्देश्य था – “हिंदू समाज को संगठित कर राष्ट्रनिर्माण” । लेकिन समय के साथ इसकी गतिविधियाँ, विचारधारा और प्रभाव भारतीय लोकतंत्र में गहरे विवाद का विषय बन गए। नवंबर 2025 तक दो घटनाओं ने एक बार फिर आरएसएस को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया है — महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े राहुल गांधी के बयान पर चल रहा मानहानि मामला , और संगठन की अपंजीकृत कानूनी स्थिति को लेकर कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा उठाए गए सवाल। ये विवाद केवल कानूनी या राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि वे भारत की आत्मा—धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद—के बीच चल रहे वैचारिक संघर्ष के प्रतीक हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: आरएसएस, हिंदुत्व और गांधी हत्या का विवाद 30 जनवरी 1948 को...