करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Model Code of Conduct (MCC) Reforms 2025: A New Framework for Electoral Transparency and Democratic Ethics
मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट (MCC) में प्रस्तावित सुधार 2025: भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और नैतिकता की नई दिशा प्रस्तावना भारतीय लोकतंत्र, विश्व का सबसे बड़ा निर्वाचन तंत्र होने के नाते, निष्पक्षता और पारदर्शिता के उच्च मानदंडों पर टिका हुआ है। मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट (MCC) इस प्रक्रिया का एक अनौपचारिक किंतु महत्वपूर्ण अंग रहा है, जो चुनावी आचार संहिता के रूप में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के व्यवहार को नियंत्रित करता है। 1960 के दशक में केरल विधानसभा चुनावों से उद्भूत यह संहिता 1991 में सर्वसम्मति से अपनाई गई और तब से निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा चुनाव अवधि में लागू की जाती रही है। किंतु डिजिटल युग की चुनौतियाँ—सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार, डीपफेक वीडियो, धनबल का दुरुपयोग तथा सत्ताधारी दलों द्वारा सरकारी योजनाओं का चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल—ने MCC की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। नवंबर 2025 में चर्चा में आए प्रस्तावित सुधार इस संहिता को एक मजबूत कानूनी ढांचे में परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रतीत होते हैं। यह लेख इन सुधारों का आलोचनात्मक परीक्षण करता है, उनकी...