करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार 2025: नवाचार की त्रिमूर्ति और आर्थिक विकास की नई कहानी 13 अक्टूबर, 2025 का दिन अर्थशास्त्र के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बन गया, जब रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जोएल मोकीर, फिलिप एघियन, और पीटर हाउट को 2025 का अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की। यह सम्मान उन्हें नवाचार-प्रेरित आर्थिक विकास को समझाने के लिए दिया गया, जिसने न केवल अर्थशास्त्र की दुनिया को एक नई दृष्टि दी, बल्कि यह भी बताया कि मानव सभ्यता की प्रगति का इंजन नवाचार ही है। यह कहानी है तीन दिग्गजों की, जिन्होंने समय, संस्कृति, और बाजार की जटिल गतिशीलता को डीकोड कर यह दिखाया कि कैसे नए विचार अर्थव्यवस्थाओं को उड़ान दे सकते हैं। नवाचार: आर्थिक विकास का दिल कल्पना करें, एक ऐसी दुनिया जहाँ हर नया विचार, हर नई खोज, और हर नई तकनीक समाज को समृद्ध करती हो। मोकीर, एघियन, और हाउट ने अपने शोध से यह साबित किया कि नवाचार केवल गैजेट्स या ऐप्स बनाने तक सीमित नहीं है; यह आर्थिक विकास की धुरी है, जो रोजगार, उत्पादकता, और समृद्धि को बढ़ाता है। उनके काम ने यह सवाल उठाया और जवाब दिया: क्या को...