करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई: साहित्य में कला की शक्ति का पुनरुत्थान “कला का दायित्व केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि अंधकार में भी अर्थ तलाशना है।” यह कथन हंगरी के महान लेखक लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई की साहित्यिक यात्रा को सही शब्दों में परिभाषित करता है। 9 अक्टूबर 2025 को स्वीडिश अकादमी ने उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि उनके लेखन ने “सर्वनाशकारी भय के बीच कला की शक्ति को पुनः स्थापित किया है।” यह सम्मान न केवल एक लेखक की विजय है, बल्कि संपूर्ण मध्य यूरोपीय साहित्यिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा भी है। जीवन और रचनात्मक यात्रा लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई का जन्म 1954 में ग्यूला (Gyula), हंगरी में हुआ — एक ऐसा क्षेत्र जो इतिहास, संघर्ष और सीमाओं की संवेदनाओं से भरा हुआ है। उन्होंने कानून और पत्रकारिता की शिक्षा ली, लेकिन जल्द ही साहित्य के उस मार्ग पर चल पड़े जहाँ शब्द मानव अस्तित्व के संकटों से संवाद करते हैं। 1980 के दशक में जब हंगरी साम्यवादी शासन के अंतिम दौर से गुजर रहा था, तब क्रास्नाहोर्काई की कलम ने व्यवस्था, निराशा और नैतिक पतन के भीतर भी अर्थ की खोज शुरू की। उ...