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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Nobel Prize in Physics 2025: Breakthrough in Quantum Tunneling and Energy Quantization

🧠 2025 का नोबेल भौतिकी पुरस्कार: क्वांटम दुनिया की नई खोज पुरस्कार विजेता: जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस खोज: मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और इलेक्ट्रिक सर्किट्स में ऊर्जा क्वांटीकरण स्रोत: Reuters 🔬 क्या है मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग? क्वांटम टनलिंग में छोटे-छोटे कण (जैसे इलेक्ट्रॉन) ऐसे अवरोधों को पार कर लेते हैं, जिन्हें सामान्य भौतिकी के अनुसार पार करना असंभव होता है। इन वैज्ञानिकों ने यह दिखाया कि यह प्रभाव बड़े सिस्टमों , जैसे इलेक्ट्रिक सर्किट्स , में भी हो सकता है। यानी, अब यह साबित हो गया कि क्वांटम प्रभाव केवल परमाणुओं तक सीमित नहीं , बल्कि बड़ी चीजों में भी देखा जा सकता है। ⚡ इलेक्ट्रिक सर्किट्स में ऊर्जा का क्वांटीकरण उन्होंने यह भी पाया कि कुछ सर्किट्स में ऊर्जा लगातार नहीं बढ़ती या घटती , बल्कि छोटे-छोटे निश्चित स्तरों (energy levels) में होती है — जैसे परमाणुओं में। यही सिद्धांत अब क्वांटम कंप्यूटरों में इस्तेमाल हो रहा है, जहाँ इन असतत ऊर्जा स्तरों से क्यूबिट्स (qubits) को नियंत्रित किया जाता है। 🌍 इसका महत्व क्या है? इन खोजों ने यह साबित क...

Nobel Prize 2025 in Medicine: Discovery of Peripheral Immune Tolerance Opens New Frontiers in Treatment

2025 का नोबेल पुरस्कार (शारीरिक चिकित्सा): प्रतिरक्षा प्रणाली की नई समझ का सम्मान 6 अक्टूबर 2025 को नोबेल समिति ने शारीरिक चिकित्सा या मेडिसिन के क्षेत्र में 2025 का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों — मैरी ई. ब्रंकाउ , फ्रेड राम्सडेल और शिमोन साकागुची — को प्रदान करने की घोषणा की। इन वैज्ञानिकों को यह सम्मान “ परिधीय प्रतिरक्षा सहनशीलता ” (Peripheral Immune Tolerance) की खोज के लिए दिया गया है, जिसने मानव प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को समझने की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है। 🧬 परिधीय प्रतिरक्षा सहनशीलता क्या है? हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य काम है — शरीर को बाहरी खतरों, जैसे कि वायरस, बैक्टीरिया या अन्य रोगजनकों से बचाना। लेकिन यह भी जरूरी है कि यह प्रणाली अपने ही शरीर की कोशिकाओं पर हमला न करे। यहीं से शुरू होती है प्रतिरक्षा सहनशीलता (immune tolerance) — यानी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का वह गुण जो “स्वयं” और “पराया” पहचानना सिखाता है। “ परिधीय प्रतिरक्षा सहनशीलता ” शरीर के परिधीय (peripheral) ऊतकों में होती है। यह सुनिश्चित करती है कि यदि कोई टी-क...

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