करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
🌍 सीओपी30: जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम परिचय जलवायु परिवर्तन आज मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। बढ़ते तापमान, चरम मौसमी घटनाएं, वनाग्नियां, जल संकट और जैव विविधता का क्षरण — ये सभी संकेत हैं कि पृथ्वी का पारिस्थितिक संतुलन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के तहत आयोजित वार्षिक Conference of the Parties (COP) इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक नीति निर्धारण का सबसे महत्वपूर्ण मंच है। 10 से 21 नवंबर 2025 तक ब्राजील के बेलेम (Belém) शहर में आयोजित COP30 न केवल इस दिशा में एक ऐतिहासिक अवसर है, बल्कि “कार्यान्वयन का सम्मेलन” (Conference of Implementation) कहा जा रहा है। इस बार का उद्देश्य केवल नए वादे नहीं, बल्कि पिछले समझौतों — विशेष रूप से पेरिस समझौते — को वास्तविक क्रियान्वयन की दिशा में ले जाना है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: COP सम्मेलनों की यात्रा COP सम्मेलनों की शुरुआत 1995 में बर्लिन से हुई थी, जिसकी नींव 1992 के रियो अर्थ समिट में रखी गई थी।...