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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

DRDO and Indian Army Successfully Conduct Four MRSAM Missile Tests in Odisha

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम: DRDO व भारतीय सेना द्वारा MRSAM परीक्षण की सफलता हाल ही में DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और भारतीय सेना ने ओडिशा के समुद्र तटीय क्षेत्र से मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) के चार उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए। यह न केवल देश की सैन्य क्षमताओं को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक ठोस प्रगति भी है। MRSAM प्रणाली की विशेषताएँ: MRSAM, जिसे बाराक-8 के नाम से भी जाना जाता है, भारत-इज़राइल संयुक्त परियोजना का हिस्सा है। यह मिसाइल प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन, हेलीकॉप्टरों और क्रूज़ मिसाइलों को 70-100 किमी तक की दूरी पर नष्ट करने में सक्षम है। एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता। 360 डिग्री कवरेज व हाई रेस्पॉन्स टाइम। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के अनुकूल डिजाइन। रणनीतिक महत्व: यह परीक्षण भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में वायु सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित करता है। भविष्य में स्वदेशी हथियार प्रणालियों ...

रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया

रक्षा मंत्रालय द्वारा 2025 'सुधारों का वर्ष' घोषित: सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और रणनीतिक सुदृढ़ीकरण भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया है, जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और युद्ध के लिए तैयार बनाना है। इस पहल के अंतर्गत विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे भारतीय सैन्य बल बहु-क्षेत्रीय एकीकृत संचालन के लिए अधिक सक्षम हो सकें। इस लेख में इन सुधारों, उनकी जरूरतों, संभावित प्रभावों और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। 1. संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ावा देना रक्षा मंत्रालय के इस सुधार कार्यक्रम का एक प्रमुख पहलू सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण को मजबूत करना है। इसके तहत निम्नलिखित पहलें की जाएंगी: एकीकृत थिएटर कमांड की स्थापना: सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए संयुक्त थिएटर कमांड की स्थापना की जाएगी। इससे सैन्य संचालन अधिक कुशल और प्रभावी बन सकेंगे। संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण: तीनों सेनाओं के बीच अधिक प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के ...

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