सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम: DRDO व भारतीय सेना द्वारा MRSAM परीक्षण की सफलता हाल ही में DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और भारतीय सेना ने ओडिशा के समुद्र तटीय क्षेत्र से मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) के चार उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए। यह न केवल देश की सैन्य क्षमताओं को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक ठोस प्रगति भी है। MRSAM प्रणाली की विशेषताएँ: MRSAM, जिसे बाराक-8 के नाम से भी जाना जाता है, भारत-इज़राइल संयुक्त परियोजना का हिस्सा है। यह मिसाइल प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन, हेलीकॉप्टरों और क्रूज़ मिसाइलों को 70-100 किमी तक की दूरी पर नष्ट करने में सक्षम है। एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता। 360 डिग्री कवरेज व हाई रेस्पॉन्स टाइम। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के अनुकूल डिजाइन। रणनीतिक महत्व: यह परीक्षण भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में वायु सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित करता है। भविष्य में स्वदेशी हथियार प्रणालियों ...