Skip to main content

Posts

Showing posts with the label अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति

MENU👈

Show more

Pahalgam Attack Fallout: How a Pakistani Mother Lost Her Child at the Wagah Border

सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...

Sudan Crisis 2025: Relief Camps Attacked, Hundreds Killed in Darfur Violence

  संपादकीय लेख: सूडान संकट – इतिहास से वर्तमान तक एक अंतहीन त्रासदी Keywords-  Sudan crisis, civil war, Darfur, RSF, humanitarian disaster. सूडान एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है, लेकिन इस बार भी कारण वही है – हिंसा, गृहयुद्ध और मानवाधिकारों का भयावह उल्लंघन। हाल ही में सूडान के दारफुर क्षेत्र में दो राहत शिविरों पर हुए हमले में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिनमें मानवीय सहायता कर्मी और बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना सिर्फ एक युद्ध अपराध नहीं, बल्कि एक देश की निरंतर होती मानवता की पराजय है। लेकिन इस संकट को समझने के लिए हमें सूडान के इतिहास में झांकना होगा, जहां वर्षों से चल रहे संघर्ष की जड़ें छिपी हैं। इतिहास के गर्भ में सूडान का संकट सूडान अफ्रीका का एक विशाल देश है, जो 1956 में ब्रिटेन और मिस्र से स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता के बाद से ही यह देश जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं के कारण टकराव का केंद्र बन गया। उत्तर सूडान, जो मुख्यतः मुस्लिम और अरबी बोलने वाला है, और दक्षिण सूडान, जो अधिकतर ईसाई और आदिवासी समुदायों का है, के बीच द्वंद्व लंबे समय तक चला। 1955 से ले...

America’s Largest Military Deployment in Asia: Strategic Signals to China

एशिया में अमेरिका की सैन्य तैनाती: बदलते भू-राजनीतिक समीकरण हाल ही में अमेरिका द्वारा एशिया में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती कर हिंद महासागर क्षेत्र में छह B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और तीन एयरक्राफ्ट कैरियर भेजे गए हैं। यह कदम केवल एक सैन्य गतिविधि नहीं, बल्कि व्यापक भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका का यह कदम न केवल क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित करता है, बल्कि भारत समेत अन्य एशियाई देशों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण संदेश है। हिंद महासागर की सामरिक महत्ता हिंद महासागर वैश्विक व्यापार का प्रमुख मार्ग है, जहां दुनिया का एक तिहाई समुद्री व्यापार संचालित होता है। चीन की "String of Pearls" रणनीति, दक्षिण चीन सागर में उसका आक्रामक रुख, और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से उसकी बढ़ती पहुंच को संतुलित करने के लिए अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र में सक्रिय उपस्थिति बनाए रखना आवश्यक हो गया है। B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का सामरिक संदेश B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को अत्याधुनिक युद्धक विमान माना जाता है जो रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के भीतर तक हमला कर सकते हैं। अमेरिका के पास क...

Iran-US Nuclear Tension: A Threat to Global Peace or a Test of Diplomacy?

🌍 ईरान-अमेरिका परमाणु तनाव: विश्व शांति के लिए खतरा या कूटनीति की परीक्षा? ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु विवाद एक बार फिर गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान को दी गई बमबारी की धमकी ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। ट्रंप का यह बयान, "अगर ईरान समझौता नहीं करता है, तो उसे ऐसी बमबारी का सामना करना पड़ेगा, जो उसने पहले कभी नहीं देखी होगी", केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि पश्चिम एशिया में युद्ध की आशंका को और बल देता है। यह विवाद केवल दो देशों का नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी प्रभाव वैश्विक शांति, तेल आपूर्ति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर पड़ सकते हैं। 🔥 परमाणु तनाव की पृष्ठभूमि: ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में अमेरिका के सहयोग से शुरू हुआ था। हालांकि, 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए। 2015 में ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका, ईरान और अन्य पांच शक्तियों (P5+1) के बीच जॉइंट कम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) हुआ। इसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी और बदले में उस पर लगे आर्थि...

Rising Separatism in Pakistan: Is a New Partition Possible?

 क्या पाकिस्तान एक बार पुनः विभाजन का शिकार होगा? भूमिका पाकिस्तान 1947 में भारत से अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना, लेकिन यह विभाजन केवल एक शुरुआत थी। 1971 में एक और विभाजन हुआ, जब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) अलग होकर एक स्वतंत्र देश बन गया। आज, पाकिस्तान कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या देश एक और विभाजन की ओर बढ़ रहा है? बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ते अलगाववादी आंदोलन, आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती सैन्य भूमिका ने इस संभावना को और भी प्रासंगिक बना दिया है। इस लेख में, हम पाकिस्तान के विभाजन की संभावनाओं को समझने के लिए इसके आंतरिक सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं का विश्लेषण करेंगे। पाकिस्तान में विभाजन के ऐतिहासिक संदर्भ 1971 का बांग्लादेश विभाजन पाकिस्तान का पहला बड़ा विभाजन 1971 में हुआ जब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) ने स्वतंत्रता प्राप्त की। इसकी मुख्य वजह थी पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के साथ होने वाला भेदभाव। भाषा, आर्थिक संसाधनों और राजनीतिक अधिकारों को लेकर पूर्वी...

America's Grand Comeback or Political Complacency?

डोनाल्ड ट्रंप के "अमेरिका की ऐतिहासिक वापसी" के दावे का गहराई से विश्लेषण करता यह संपादकीय लेख उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति, आर्थिक सुधार, वैश्विक कूटनीति और सामाजिक विभाजन पर पड़ने वाले प्रभावों की आलोचनात्मक समीक्षा करता है। क्या यह सच में अमेरिका की महान वापसी है, या केवल राजनीतिक आत्ममुग्धता? जानिए इस विस्तृत और संतुलित विश्लेषण में। अमेरिका की ऐतिहासिक वापसी या राजनीतिक आत्ममुग्धता? डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कई विवादास्पद निर्णय लिए, लेकिन उनका एक बयान विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करता है—"अमेरिका अब ऐसी वापसी की कगार पर है, जैसी दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी होगी।" यह बयान न केवल उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि अमेरिका की राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक स्थिति पर भी व्यापक बहस को जन्म देता है। क्या वास्तव में अमेरिका एक अभूतपूर्व वापसी कर रहा है, या यह केवल एक राजनीतिक दंभ है? इस लेख में हम इस दावे का गहराई से विश्लेषण करेंगे और इसकी वास्तविकता को समझने की कोशिश करेंगे। ट्रंप का राष्ट्रवाद और "अमेरिका फर्स्ट" नीति डोन...

Advertisement