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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

SCO Summit 2025: भारत की विदेश नीति में बदलाव और वैश्विक संतुलन

एससीओ शिखर सम्मेलन और भारतीय विदेश नीति का बदलता संतुलन प्रस्तावना भारत की विदेश नीति ऐतिहासिक रूप से "रणनीतिक स्वायत्तता" और "संतुलन" के सिद्धांतों पर आधारित रही है। किंतु हाल के वर्षों में यह नीति अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर झुकी हुई दिखाई दी थी। ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सात वर्षों बाद चीन की यात्रा करना और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी यह संकेत देता है कि भारत अपनी विदेश नीति में पुनः संतुलन साधने की दिशा में बढ़ रहा है। यह बदलाव न केवल एशिया बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन की राजनीति में भी महत्वपूर्ण है। संदर्भ और पृष्ठभूमि 2020 के गलवान संघर्ष और उसके बाद बने अविश्वास के माहौल ने भारत-चीन संबंधों को गहरे संकट में डाल दिया था। लंबे समय तक वार्ता और सैन्य स्तर पर पीछे हटने की प्रक्रिया के बाद, 2024 से दोनों देशों ने संबंध सामान्य करने की पहल शुरू की। इस पृष्ठभूमि में तियानजिन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भेंट एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखी जा रही है। यह पहली बार था जब दोनों नेता खुले तौर पर ...

China Military Parade 2025: Xi Jinping with Putin & Kim Jong Un in Defiance to the West

चीन की सैन्य परेड 2025 और वैश्विक शक्ति संतुलन: एक रणनीतिक विश्लेषण प्रस्तावना 3 सितंबर 2025 को बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में आयोजित चीन की भव्य सैन्य परेड केवल एक औपचारिक उत्सव नहीं थी, बल्कि यह एक सामरिक और कूटनीतिक प्रदर्शन था। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ के बहाने चीन ने विश्व को यह संदेश दिया कि वह न केवल एशिया, बल्कि पूरे वैश्विक शक्ति-संतुलन में एक निर्णायक भूमिका निभाने की तैयारी कर चुका है। परेड में दिखाई गई हाइपरसोनिक मिसाइलें, मानवरहित ड्रोन, साइबर युद्ध इकाइयाँ, पनडुब्बी तकनीक और अंतरिक्ष-आधारित हथियार यह संकेत देते हैं कि चीन तकनीकी और सैन्य दृष्टि से अमेरिका व उसके सहयोगियों को चुनौती देने की स्थिति में पहुँच चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की उपस्थिति इस आयोजन को और भी विशेष बनाती है। यह एक उभरते हुए “पश्चिम-विरोधी गठबंधन” की झलक है, जो अमेरिका-यूरोप आधारित विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकता है। चीन का संदेश: शक्ति और वैकल्पिक नेतृत्व की पेशकश शी जिनपिंग का यह कथन कि “चीनी लोग इतिहास के सह...

महाराष्ट्र सरकार का फैसला: मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र | Maratha Reservation 2025

महाराष्ट्र सरकार का निर्णय: मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र – सामाजिक न्याय की एक नई राह प्रस्तावना भारत का सामाजिक ढांचा जटिल है, और आरक्षण नीति इसके केंद्र में है। यह नीति सामाजिक न्याय और समान अवसरों का वादा करती है, लेकिन कई बार यह विवादों का कारण भी बनती है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग ने दशकों से राजनीति और समाज को हिलाकर रखा है। हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने एक नया रास्ता चुना – हैदराबाद गज़ेटियर के आधार पर मराठा समुदाय के उन लोगों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देना, जो यह साबित कर सकें कि उनके पूर्वज कुनबी थे। यह कदम न सिर्फ मराठा आंदोलन को शांत करने की कोशिश है, बल्कि सामाजिक और संवैधानिक संतुलन की दिशा में एक बड़ा प्रयोग भी है। आइए, इस निर्णय को सरल और रुचिकर ढंग से समझें। मराठा और कुनबी: एक ऐतिहासिक झलक मराठा समुदाय महाराष्ट्र की रीढ़ है। खेती से लेकर राजनीति तक, उनका प्रभाव हर जगह दिखता है। लेकिन आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों ने मराठा समाज को आरक्षण की मांग की ओर धकेला। 2018 में, महाराष्ट्र सरकार ने मराठों को SEBC (सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के तहत आरक्ष...

India–Japan Partnership: A Strategic and Economic Milestone

भारत–जापान साझेदारी: रणनीतिक और आर्थिक पड़ाव हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष की मुलाक़ात ने भारत–जापान संबंधों को एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है। अगले दशक में जापान द्वारा भारत में लगभग 5,997 अरब रुपये का निवेश केवल आर्थिक सहयोग का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक दृष्टि को दर्शाता है—साझी समृद्धि, रणनीतिक एकजुटता और हिंद–प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता। आर्थिक आयाम: निवेश से परे जापानी निवेश महज़ पूँजी प्रवाह नहीं है; यह भारत की विकास यात्रा को संरचनात्मक रूप से बदलने वाला कदम है। शहरी परिवर्तन: स्मार्ट सिटी और हाई-स्पीड रेल परियोजनाएँ उत्पादकता और संपर्कता को बढ़ाएँगी। हरित ऊर्जा सहयोग: भारत के जलवायु लक्ष्यों (पेरिस समझौता व COP प्रतिबद्धताओं) को पूरा करने में मदद मिलेगी। तकनीकी हस्तांतरण: विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल बुनियादी ढांचे को मज़बूती मिलेगी। हालाँकि, इस निवेश का प्रभाव तभी होगा जब भारत नौकरशाही बाधाओं, नीति अस्थिरता और अवसंरचना की देरी जैसी चुनौतियों को पार कर सके। हिंद–प्रशांत में रणनीतिक महत्व यह साझेदारी केवल आर्...

Why the Pancholi Case Matters for Judicial Appointments in India

न्यायपालिका की नियुक्ति और असहमति का स्वर: पंचोली प्रकरण से सबक भारत की न्यायपालिका लोकतंत्र की रीढ़ मानी जाती है। संविधान के अनुच्छेद 124 से लेकर सुप्रीम कोर्ट की व्याख्यात्मक परंपरा तक, न्यायपालिका ने अपने को स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्थान के रूप में स्थापित किया है। किंतु न्यायिक नियुक्तियों को लेकर उठने वाले विवाद यह प्रश्न खड़ा करते हैं कि क्या प्रक्रिया उतनी ही पारदर्शी और उत्तरदायी है, जितनी अपेक्षित होनी चाहिए। हाल ही में न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति और उस पर न्यायमूर्ति बी. वी. नगरात्ना की असहमति इसी विमर्श का जीवंत उदाहरण है। नियुक्ति की पृष्ठभूमि सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने 25 अगस्त 2025 को न्यायमूर्ति पंचोली का नाम सर्वोच्च न्यायालय के लिए अनुशंसित किया। केंद्र सरकार ने त्वरित रूप से 27 अगस्त को मंजूरी प्रदान कर दी और 29 अगस्त को उन्होंने शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 34 न्यायाधीशों की पूर्ण संख्या प्राप्त कर ली। यद्यपि यह नियुक्ति नियमित प्रक्रिया का हिस्सा थी, किंतु इसमें सबसे बड़ा मोड़ आया न्यायमूर्ति नगरात्ना के dissent के रूप...

Women's Safety in Indian Cities: Insights from NARI 2025 Report

महिलाओं की सुरक्षा: शहरी भारत में एक चुनौतीपूर्ण परिदृश्य क्या कोई शहर वास्तव में सुरक्षित तब कहा जा सकता है, जब उसकी आधी आबादी (महिलाएँ) रात ढलते ही घरों में कैद हो जाएँ? राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट एवं सूचकांक (एनएआरआई) 2025 इसी असहज प्रश्न को हमारे सामने रखती है। 31 शहरों में 12,770 महिलाओं के सर्वेक्षण पर आधारित यह रिपोर्ट केवल अपराध-सांख्यिकी नहीं, बल्कि महिलाओं की रोज़मर्रा की अनुभूतियों का सामाजिक आईना है। शहरों का सुरक्षा मानचित्र कोहिमा, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, आइजोल, गंगटोक, ईटानगर और मुंबई—ये वे शहर हैं जो महिलाओं के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित माने गए। वहीं पटना, जयपुर, फरीदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, श्रीनगर और रांची सबसे निचली श्रेणी में आए। यह विभाजन केवल कानून-व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि उस शहरी संस्कृति, सामाजिक सामंजस्य और संस्थागत प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है जो महिलाओं की स्वतंत्रता को परिभाषित करता है। आंकड़े जो सोचने पर मजबूर करते हैं 60% महिलाओं ने अपने शहर को "सुरक्षित" माना, लेकिन 40% ने असुरक्षा जताई। रात होते ही सुरक्षा की धारणा ध्वस्त हो जात...

71st National Film Awards

  71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025: शाहरुख खान और रानी मुखर्जी को मिला अभिनय का सर्वोच्च सम्मान — संपादकीय विश्लेषण | 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा ने भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ प्रस्तुत किया, जब बॉलीवुड के ‘किंग’ शाहरुख खान को पहली बार राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी बहुचर्चित फिल्म जवान में निभाए गए दोहरी भूमिका के लिए उन्हें यह सम्मान मिला, जो सामाजिक न्याय, पितृत्व, और राष्ट्रवाद जैसे संवेदनशील विषयों को एक व्यावसायिक ढांचे में पिरोकर प्रस्तुत करती है। शाहरुख खान के साथ विक्रांत मैसी को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के सम्मान में भागीदार बनाया गया, जिन्होंने 12th फेल जैसी प्रेरणादायक बायोपिक में गहराई, संघर्ष और आत्म-संघर्ष का सशक्त प्रदर्शन किया। यह फिल्म लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनी, जो संघर्षों के बीच अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। वहीं रानी मुखर्जी को फिल्म Mrs Chatterjee vs Norway में एक माँ की जटिल भावनाओं और सांस्कृतिक टकराव को संवेदनशीलता से चित्रित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्र...

Mizoram's Literacy Milestone: A Model for the Nation

साक्षरता की नई मिसाल: मिज़ोरम से सीखने का समय जब देश के कई हिस्से अब भी शिक्षा की बुनियादी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में मिज़ोरम का भारत का पहला पूर्ण साक्षरता प्राप्त राज्य बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मुख्यमंत्री लालदूहोमा द्वारा की गई यह घोषणा न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्पद है। एक शांत क्रांति मिज़ोरम की यह उपलब्धि अचानक नहीं आई। यह वर्षों की निरंतर राजनीतिक इच्छाशक्ति, जन-सहभागिता और समावेशी शिक्षा प्रणाली का परिणाम है। राज्य पहले से ही भारत के सर्वाधिक साक्षर राज्यों में शामिल रहा है, लेकिन “पूर्ण साक्षरता” की घोषणा यह संकेत देती है कि अब हर वयस्क व्यक्ति को पढ़ने और लिखने की बुनियादी समझ प्राप्त हो चुकी है। यह बदलाव सरकार द्वारा चलाए गए रात्रि पाठशालाओं, दूरस्थ क्षेत्रों तक शिक्षा पहुंचाने की योजनाओं, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों और महिलाओं व वंचित वर्गों पर केंद्रित अभियानों से संभव हो सका। आंकड़ों से आगे की बात जहाँ अधिकांश राज्य शैक्षिक आधारभूत ढांचे और नामांकन दरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं मिज़ोरम ने कार्यक्षमता पर आधारित साक्षरता को...

UPSC Current Affairs: 10 May 2025

 भारत-पाक तनाव और G7 की अपील: वैश्विक शांति की कठिन परीक्षा प्रस्तावना: एक चिंगारी जो विश्व को झकझोर रही है 9 मई 2025 को, विश्व के सात सबसे शक्तिशाली देशों के समूह G7 (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान) ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए “तत्काल तनाव कम करने” और “अधिकतम संयम” की भावुक अपील की। यह अपील तब आई, जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की। इस कार्रवाई ने न केवल दक्षिण एशिया को, बल्कि पूरे विश्व को सांसें थामने पर मजबूर कर दिया। आखिर, यह तनाव केवल दो पड़ोसियों का झगड़ा नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है। G7 का बयान: शांति की पुकार G7 के विदेश मंत्रियों ने एकजुट होकर कहा:   “भारत और पाकिस्तान, दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। हम दोनों से आग्रह करते हैं कि वे संयम बरतें और तनाव को तुरंत कम करें, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति बनी रहे।”   यह बयान केवल शब्दों का समूह नहीं था। G7 ने चेतावनी दी कि यह संकट वैश्विक अर्थव्यवस्थ...

UPSC Current Affairs: 9 May 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 9 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 5 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-भारत की वायु रक्षा प्रणाली की निर्णायक भूमिका: एक रणनीतिक विश्लेषण   "भारत की वायु रक्षा प्रणाली की निर्णायक भूमिका" पर आधारित एक विश्लेषणात्मक हिंदी लेख, जो UPSC GS पेपर-3 (आंतरिक सुरक्षा) और समसामयिक घटनाओं के दृष्टिकोण से उपयोगी है: भूमिका : 8-9 मई 2025 की मध्यरात्रि, जब पाकिस्तान की ओर से 15 सैन्य ठिकानों और अनेक शहरों को लक्ष्य बनाकर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए, उस समय भारत की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और दक्षता ने एक संभावित बड़े संकट को टाल दिया। भारतीय वायुसेना ने S-400 Triumf, Barak-8 MRSAM और स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली को सक्रिय कर एक अभूतपूर्व सुरक्षा कवच तैयार किया, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और तकनीकी क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया। प्रमुख वायु रक्षा प्रणालियाँ और उनकी भूमिका: 1. S-400 Triumf (रूस निर्मित): यह प्रणाली 400 किमी की दूरी तक हवाई खतरों को ...

Operation Sindoor: A Precise Assertion of Sovereignty and Strategic Resolve

ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई - अपडेटेड विश्लेषण (9 मई 2025) प्रस्तावना 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर दिया था। आतंकियों ने 26 लोगों की निर्मम हत्या की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले की क्रूरता ने न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक स्तर पर भी गहरा आघात पहुँचाया। आतंकियों ने गैर-मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाया और उनकी पत्नियों को जीवित छोड़कर उनके माथे से सिंदूर मिटाने की कोशिश की। यह हमला भारत की एकता और अस्मिता पर सीधा प्रहार था। इसका जवाब देने के लिए भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जो एक सटीक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का अभियान था, बल्कि भारत की सांस्कृतिक ताकत और संकल्प का प्रतीक भी बना। हाल के घटनाक्रमों के आधार पर, यह लेख ऑपरेशन सिंदूर के नवीनतम अपडेट्स, इसके प्रभावों और भविष्य के परिदृश्य का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। नवीनतम अपडेट्स (9 मई 2025 तक) ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है के...

UPSC Current Affairs: 7 May 2025

 दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 7 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 5 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-भारत-यू.के. मुक्त व्यापार समझौता: एक नई आर्थिक और रणनीतिक उड़ान परिचय भारत और यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) के बीच हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और दोहरा कराराधान संधि (Double Taxation Convention) एक ऐतिहासिक कदम है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को नई ऊँचाइयों पर ले जाता है। यह समझौता, जो लंबी और गहन वार्ताओं का परिणाम है, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर में भारत और यू.के. को एक मजबूत, समावेशी और भविष्योन्मुखी साझेदारी की राह दिखाता है। यह न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक जुड़ाव को भी गहरा करेगा। समझौते का स्वरूप और उसकी आत्मा   मुक्त व्यापार समझौता (FTA): यह समझौता दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को आसान बनाने के लिए बनाया गया है। सीमा शुल्क में कटौती, व्यापारिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बाजार तक बे...

UPSC Current Affairs: 6 May 2025

दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 6 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 5 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-शीर्षक: भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक जोखिम: मूडीज़ की चेतावनी में पाकिस्तान की नाजुकता का खुलासा। 2-शीर्षक: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का झूठ फिर बेनकाब: ‘False Flag’ थ्योरी की हुई किरकिरी! 3-शीर्षक: भारत को रूस से दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट: UPSC दृष्टिकोण से विश्लेषण 4-शीर्षक: नागरिक सुरक्षा अभ्यास और राष्ट्रीय तैयारियाँ — समय की पुकार 5-शीर्षक: भारत का मानव विकास सूचकांक 2025: प्रगति की नई उड़ान 1-भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक जोखिम: मूडीज़ की चेतावनी में पाकिस्तान की नाजुकता का खुलासा। प्रस्तावना: दक्षिण एशिया में बढ़ता तनाव और आर्थिक चुनौतियाँ भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव न केवल दक्षिण एशिया की शांति के लिए चुनौती है, बल्कि यह दोनों देशों की आर्थिक स्थिरता पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज़ की हालिया चेतावनी ने इस स्थिति को और स्पष्ट किया है। मूडीज़ के अनुसार, यदि यह तनाव युद्...

UPSC Current Affairs: 5 May 2025

 दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 5 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 5 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-शीर्षक: भारत-पाकिस्तान तनाव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: कूटनीति की शतरंज में भारत की चाल 2-अंतरिक्ष में भारत की शक्ति का प्रदर्शन: ISRO ने 29,000 किमी/घंटा की रफ्तार से सैटेलाइट 'डॉगफाइट' का किया शानदार परीक्षण 3-चीन की आक्रामकता के बीच भारत-जापान का रक्षा गठजोड़: इंडो-पैसिफिक में नया संतुलन 4-अंतरिक्ष में भारतीय सुपरफूड्स का अंकुरण: शुभांशु शुक्ला के मिशन का वैज्ञानिक और रणनीतिक महत्व 5-प्रश्न: क्या कृषि भूमि की खरीद पर सख्त नियम बनाना पश्चिमी घाटों के संरक्षण में सहायक हो सकता है? 1-शीर्षक: भारत-पाकिस्तान तनाव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: कूटनीति की शतरंज में भारत की चाल परिचय 5 मई 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर एक अहम चर्चा होने जा रही है। यह बंद कमरे की आपात बैठक, जिसे पाकिस्तान ने बुलवाया है, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल के आतंकी हमले (2...

UPSC Current Affairs: 4 May 2025

 दैनिक समसामयिकी लेख संकलन व विश्लेषण: 4 मई 2025 आज के इस अंक में निम्नलिखित 5 लेखों को संकलित किया गया है।सभी लेख UPSC लेबल का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बेहद उपयोगी हैं। 1-भारत-ब्रिटेन सांस्कृतिक सहयोग समझौता: सांस्कृतिक कूटनीति का नया युग। 2-भारतीय सेना की बढ़ती ताकत: रूस से Igla-S मिसाइल की आपूर्ति और रणनीतिक संदेश। 3-शीर्षक: पाकिस्तान की सैन्य कमजोरी: तोपखाने का संकट और दक्षिण एशिया की सुरक्षा चुनौतियाँ।  4-शीर्षक: घरेलू हिंसा की कटु सच्चाई: भारत के सामने एक सामाजिक चुनौती। 5-शीर्षक: सुप्रीम कोर्ट और ईडी की शक्तियाँ: लोकतंत्र की कसौटी पर एक ऐतिहासिक समीक्षा। 1-भारत-ब्रिटेन सांस्कृतिक सहयोग समझौता: सांस्कृतिक कूटनीति का नया युग प्रस्तावना भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हाल ही में हुआ सांस्कृतिक सहयोग समझौता केवल एक कागजी दस्तावेज नहीं, बल्कि दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक सेतु का निर्माण है। यह समझौता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाने और ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा देने का सुनहरा अवसर है। यह न केवल कला, संगीत और साहि...

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भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सूर्य कांत : न्यायपालिका की नई दिशा का उद्घोष 24 नवंबर 2025 भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक नए अध्याय का आरंभ होगा, जब न्यायमूर्ति सूर्य कांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। वे न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के उत्तराधिकारी बनेंगे, जिनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हुआ। न्यायमूर्ति गवई की विदाई न केवल एक संवैधानिक पदावनति का क्षण थी, बल्कि सामाजिक न्याय की यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव भी—क्योंकि वे स्वतंत्र भारत के प्रथम बौद्ध और दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश रहे। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई : संवैधानिक साहस और सामाजिक न्याय की विरासत न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल कई दृष्टियों से ऐतिहासिक रहा। उन्होंने उन पीठों का नेतृत्व या सदस्यता निभाई, जिनके निर्णयों ने भारतीय संघवाद, लोकतांत्रिक जवाबदेही और व्यक्तिगत अधिकारों के विमर्श को गहराई से प्रभावित किया। अनुच्छेद 370 निर्णय संविधान पीठ के सदस्य के रूप में उन्होंने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय को संवैधानिक ठहराने ...

IAS Santosh Verma Controversy: How a Reservation Remark Turned Daughters into “Objects of Donation”

IAS संतोष वर्मा का विवादित बयान – जब आरक्षण की आड़ में बेटियों को “दान” की वस्तु बना दिया गया नमस्कार साथियों, कभी-कभी एक वाक्य इतना शक्तिशाली होता है कि वह पूरे समाज की धड़कनें बदल देता है। आईएएस संतोष वर्मा का हालिया बयान बिल्कुल ऐसा ही था—चिंगारी की तरह फेंका गया और पलक झपकते ही आग बन गया। उन्होंने कहा— “जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं देगा, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” इस एक वाक्य ने पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति, समाज और प्रशासन को हिला दिया। सड़कें गरम, सोशल मीडिया उफान पर, और सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। लेकिन इस विवाद के शोर में एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल दब गया— क्या अंतरजातीय विवाह वास्तव में सामाजिक बराबरी का सटीक पैमाना हैं? विवाद का संक्षिप्त लेकिन पूरा घटनाक्रम 23 नवंबर 2025 – भोपाल, अंबेडकर मैदान। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (AJAKS) की बैठक में नए अध्यक्ष संतोष वर्मा भाषण दे रहे थे। आरक्षण पर बहस के बीच उन्होंने “रोटी-बेटी संबंध” का जिक्र किया—जो कई नेता पहले भी करते रहे हैं। लेकिन आगे जो कहा, वही विस...

Fatima Bosch Fernández and Miss Universe Controversy: A New Global Debate on Gender Respect and Dignity

फ़ातिमा बोश फ़र्नांडीज़ और मिस यूनिवर्स विवाद: गरिमा, लैंगिक सम्मान और वैश्विक विमर्श का नया अध्याय भूमिका मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताएँ अक्सर ग्लैमर और मनोरंजन की सुर्खियों तक सीमित मानी जाती हैं, लेकिन वर्ष 2025 की विजेता फ़ातिमा बोश फ़र्नांडीज़ के इर्द-गिर्द उभरा घटनाक्रम इससे कहीं अधिक व्यापक सामाजिक संदेश देता है। केवल कुछ दिन पहले एक प्रभावशाली अधिकारी द्वारा कैमरे के सामने “ dumb ” कहकर उनका अपमान किया गया। किंतु परिणाम घोषित होते ही वही महिला—दृढ़, शांत और आत्मविश्वासी—वैश्विक मंच पर सौंदर्य से अधिक सम्मान और सहनशक्ति का प्रतीक बनकर उभरी। यह विवाद केवल एक मॉडल की व्यक्तिगत यात्रा नहीं है; यह लैंगिक गरिमा , सार्वजनिक भाषा की मर्यादा , कार्यस्थल में शक्ति असमानता , और महिला-सम्मान से जुड़ी व्यापक समस्याओं को उजागर करता है। UPSC के दृष्टिकोण से यह घटना सामाजिक-नैतिक मूल्यों , महिला अधिकारों , और सार्वजनिक संस्थानों की जवाबदेही जैसे बड़े विमर्शों से जुड़ी है। घटना का सार 16 नवंबर 2025 को आयोजित मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फ़ातिमा “du...

Temple–Mosque Dispute: Path to Resolution or Escalation of Tensions?

मंदिर–मस्जिद विवाद: समाधान का मार्ग या तनाव का विस्तार? एक समग्र विश्लेषण परिचय भारतीय समाज में धार्मिक स्थलों को लेकर उत्पन्न होने वाले विवाद कोई नई बात नहीं हैं। इतिहास, आस्था और राजनीति—इन तीनों के संगम पर खड़े ऐसे मुद्दे अक्सर समाज को विचार-विमर्श और टकराव, दोनों की ओर ले जाते हैं। हाल ही में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक के.के. मुहम्मद ने एक इंटरव्यू में सुझाव दिया है कि धार्मिक विवादों को अयोध्या, मथुरा और ज्ञानवापी जैसे तीन स्थलों तक सीमित रखा जाए। उन्होंने ताजमहल के “हिंदू मूल” के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए चेताया कि नए और आधारहीन दावे सामाजिक तनाव को और बढ़ाएँगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई हिस्सों में धार्मिक स्थलों को लेकर अदालती कार्यवाहियाँ जारी हैं और जनमत निरंतर विभाजित हो रहा है। यह लेख इसी पृष्ठभूमि में यह समझने का प्रयास करता है कि क्या और अधिक विवाद उठाना न्याय की ओर बढ़ना होगा या केवल तनाव को ही बढ़ाएगा। ऐतिहासिक संदर्भ भारत का इतिहास धार्मिक संरचनाओं के निर्माण–विध्वंस और पुनर्निर्माण की घटनाओं से भरा पड़ा...

DynamicGK.in: Rural and Hindi Background Candidates UPSC and Competitive Exam Preparation

डायनामिक जीके: ग्रामीण और हिंदी पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों के सपनों को साकार करने का सहायक लेखक: RITU SINGH भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है, खासकर उन अभ्यर्थियों के लिए जो ग्रामीण इलाकों से आते हैं या हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। अंग्रेजी-प्रधान संसाधनों की भरमार में हिंदी भाषी छात्रों को अक्सर कठिनाई होती है। ऐसे में dynamicgk.in जैसी वेबसाइट एक वरदान साबित हो रही है। यह न केवल सामान्य ज्ञान (जीके) और समसामयिक घटनाओं पर केंद्रित है, बल्कि ग्रामीण और हिंदी पृष्ठभूमि के युवाओं के सपनों को साकार करने में विशेष रूप से सहायक भूमिका निभा रही है। इस लेख में हम समझेंगे कि यह प्लेटफॉर्म कैसे इन अभ्यर्थियों की मदद करता है। हिंदी माध्यम की पहुंच: भाषा की बाधा को दूर करना ग्रामीण भारत में अधिकांश छात्र हिंदी माध्यम से पढ़ते हैं, लेकिन अधिकांश प्रतियोगी परीक्षा संसाधन अंग्रेजी में उपलब्ध होते हैं। dynamicgk.in इस कमी को पूरा करता है। वेबसाइट का अधिकांश कंटेंट हिंदी में उपलब्ध है, जो हिंदी भाषी अभ्यर्थियों को सहज रूप से समझने में मद...

India’s Strong Economic Momentum: A Comprehensive Analysis of Q2 FY26 GDP Growth Amid Global Challenges

भारत की सुदृढ़ आर्थिक प्रगति: वैश्विक चुनौतियों के बीच Q2 FY26 की GDP वृद्धि का विश्लेषण भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी अंतर्निहित मजबूती का परिचय दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े इस तथ्य को मजबूती से रेखांकित करते हैं कि वैश्विक अनिश्चितताओं—विशेषकर अमेरिकी व्यापार शुल्कों—के बावजूद भारत की विकास गति प्रभावशाली बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, वास्तविक GDP वृद्धि 8.2% तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 5.6% और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 7.8% से स्पष्ट रूप से अधिक है। यह छह तिमाहियों में सर्वाधिक वृद्धि है, जो भारत की आर्थिक संरचना की सहनशीलता और नीति-निर्माण की तत्परता को दर्शाती है। क्षेत्रीय प्रदर्शन: विकास का आधारभूत ढाँचा Q2 FY26 की वृद्धि का स्रोत व्यापक और बहुआयामी रहा। विनिर्माण, निर्माण और सेवाओं—इन तीनों क्षेत्रों ने मिलकर विकास को न केवल मजबूत आधार दिया, बल्कि संतुलन भी सुनिश्चित किया। 1. विनिर्माण—स्वदेशी उत्पादन का उभार विनिर्माण क्षे...

Parasocial Relationships in the AI Era: Why Cambridge’s 2025 Word of the Year Signals a New Social Reality

पैरासोशल संबंधों का उदय—डिजिटल युग का नया सामाजिक संकट कैम्ब्रिज डिक्शनरी द्वारा वर्ष 2025 के लिए “parasocial” शब्द को वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया जाना मात्र भाषाई घटना नहीं, बल्कि हमारे समय के सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज़ है। यह उस युग की स्वीकृति है जहाँ मनुष्य का गहनतम संबंध किसी जीवित व्यक्ति से नहीं, बल्कि एक एल्गोरिदम या स्क्रीन पर दिखने वाली हस्ती से बन रहा है। एकतरफा घनिष्ठता की जड़ें 1956 में हॉर्टन और वोल ने पैरासोशलिटी को उस भ्रमपूर्ण संबंध के रूप में परिभाषित किया जहाँ दर्शक किसी मीडिया हस्ती के प्रति घनिष्ठता महसूस करता है, जबकि वह हस्ती उससे पूर्णतः अनजान रहती है। तब यह अनुभव रेडियो और टीवी तक सीमित था—एकतरफा, पर नियंत्रित। परन्तु आज यह अवधारणा नियंत्रण से बाहर जा चुकी है। AI ने पैरासोशल संबंधों को नया रुप दिया कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने इस वर्ष एक साहसिक कदम उठाते हुए पैरासोशल की परिभाषा में AI और बड़े भाषा मॉडल्स के साथ बनने वाले भावनात्मक लगाव को भी शामिल कर लिया है। यह निर्णय बताता है कि तकनीक अब केवल उपकरण नहीं, बल्कि रिश्तों का विकल्प बन चुकी है। Replika, Charact...

UPSC 2024 Topper Shakti Dubey’s Strategy: 4-Point Study Plan That Led to Success in 5th Attempt

UPSC 2024 टॉपर शक्ति दुबे की रणनीति: सफलता की चार सूत्रीय योजना से सीखें स्मार्ट तैयारी का मंत्र लेखक: Arvind Singh PK Rewa | Gynamic GK परिचय: हर साल UPSC सिविल सेवा परीक्षा लाखों युवाओं के लिए एक सपना और संघर्ष बनकर सामने आती है। लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी इस कठिन परीक्षा को पार कर पाते हैं। 2024 की टॉपर शक्ति दुबे ने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि एक बेहद व्यावहारिक और अनुशासित दृष्टिकोण के साथ सफलता की नई मिसाल कायम की। उनका फोकस केवल घंटों की पढ़ाई पर नहीं, बल्कि रणनीतिक अध्ययन पर था। कौन हैं शक्ति दुबे? शक्ति दुबे UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर हैं। यह उनका पांचवां  प्रयास था, लेकिन इस बार उन्होंने एक स्पष्ट, सीमित और परिणामोन्मुख रणनीति अपनाई। न उन्होंने कोचिंग की दौड़ लगाई, न ही घंटों की संख्या के पीछे भागीं। बल्कि उन्होंने “टॉपर्स के इंटरव्यू” और परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण कर अपनी तैयारी को एक फोकस्ड दिशा दी। शक्ति दुबे की UPSC तैयारी की चार मजबूत आधारशिलाएँ 1. सुबह की शुरुआत करेंट अफेयर्स से उन्होंने बताया कि सुबह उठते ही उनका पहला काम होता था – करेंट अफेयर्...