करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
🏏 क्रिकेट में आस्था का स्थान: धार्मिक विश्वास और खेल प्रदर्शन का अंतर्संबंध प्रस्तावना क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं, सांस्कृतिक परंपराओं और व्यक्तिगत विश्वासों का जीवंत संगम है। यह एक ऐसा मंच है, जहाँ शरीर की दक्षता और मन की स्थिरता समान रूप से महत्त्वपूर्ण होती है। हाल ही में महिला टी-20 विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल में जेमिमाह रॉड्रिग्स की निर्णायक पारी के बाद उनका यह कथन — “मैं यीशु का धन्यवाद करती हूँ… उन्होंने मुझे संभाला” — यह दर्शाता है कि आधुनिक प्रतिस्पर्धी खेलों में भी आस्था एक मानसिक आधार के रूप में जीवित है। यह लेख इसी प्रश्न की पड़ताल करता है कि — क्या धार्मिक विश्वास वास्तव में खिलाड़ी के प्रदर्शन, मानसिक संतुलन और सामूहिक संस्कृति को प्रभावित करता है? 1. जेमिमाह रॉड्रिग्स का उदाहरण: आस्था और आत्म-संयम का संबंध जेमिमाह की पारी केवल तकनीकी कौशल का नहीं, बल्कि आंतरिक विश्वास का भी परिणाम थी। जब वह मैच के बाद भगवान को धन्यवाद देती हैं, तो यह एक मनोवैज्ञानिक यथार्थ को उजागर करता है — कि आध्यात्मिक संबल कठिन परिस्थितियों में मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है। स्...