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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Hindi Diwas 2025: Linguistic Unity, South India's Dissent, and UPSC Perspective

हिंदी दिवस 2025: भाषाई एकता, दक्षिण भारत की असहमति और यूपीएससी दृष्टिकोण आज, 14 सितंबर 2025 को हिंदी दिवस के अवसर पर, जब हम हिंदी भाषा की समृद्ध विरासत का जश्न मना रहे हैं, तो यह समय है कि हम भारत की भाषाई बहुलता के संदर्भ में गहन चिंतन करें। 1949 में संविधान सभा द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि में संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाए जाने की स्मृति में मनाया जाने वाला यह दिवस न केवल हिंदी की सांस्कृतिक शक्ति का उत्सव है, बल्कि राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की याद भी दिलाता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में हिंदी को 'राष्ट्रीय भाषा' के रूप में स्थापित करने के प्रयासों ने गंभीर विवादों को जन्म दिया है, विशेष रूप से दक्षिण भारत में। यह संपादकीय इन विवादों का विश्लेषण करते हुए, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के दृष्टिकोण से भाषा नीति की चुनौतियों पर प्रकाश डालता है और एक संतुलित मार्ग की आवश्यकता पर जोर देता है। हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का प्रयास भारत की भाषाई विविधता के लिए एक दोधारी तलवार साबित हो रहा है। संविधान में स्पष्ट रूप से 'राष्ट्रीय भाषा' की कोई...

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