करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
वैश्विक भूख संकट: अंतरराष्ट्रीय खाद्य सहायता को दोगुना करने की आवश्यकता परिचय 21वीं सदी में जब मानवता ने अभूतपूर्व तकनीकी प्रगति, अंतरिक्ष अभियानों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी उपलब्धियाँ हासिल कर ली हैं, तब भी विश्व की एक बड़ी आबादी आज भूख के दंश से जूझ रही है। संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्टों के अनुसार, विश्व के लगभग 2 अरब लोग , यानी प्रत्येक चार में से एक व्यक्ति, खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहा है। ऐसे समय में जब संसाधनों की असमानता बढ़ रही है और जलवायु परिवर्तन कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहा है, तो वैश्विक भूख एक मानवतावादी संकट के रूप में उभरकर सामने आई है। हाल ही में, वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन द्वारा वैश्विक भूख से निपटने में उल्लेखनीय योगदान के लिए विश्व खाद्य पुरस्कार वितरित किया गया। इस मंच पर पुरस्कार विजेताओं ने चेतावनी दी है कि इस बढ़ते संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय खाद्य सहायता को दोगुना करना आवश्यक है। यह सुझाव केवल एक अपील नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व से जुड़ी चेतावनी है। वैश्विक भूख की वर्तमान स्थिति विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र...