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Showing posts with the label राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा में योगदान

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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

NHRC’s Role in Safeguarding Press Freedom: Analysis of Notices to Kerala, Tripura, and Manipur Governments

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा में योगदान: केरल, त्रिपुरा और मणिपुर सरकारों को जारी नोटिस का विश्लेषण सार लोकतांत्रिक शासन में प्रेस स्वतंत्रता केवल सूचना का अधिकार नहीं, बल्कि सत्ता की जवाबदेही और नागरिक स्वतंत्रता की आधारशिला है। जब पत्रकारों पर हमले बढ़ते हैं, तो लोकतंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी पृष्ठभूमि में, 22 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केरल, त्रिपुरा और मणिपुर की राज्य सरकारों को तीन पत्रकारों पर हाल में हुए हमलों के संबंध में नोटिस जारी किए। यह कदम न केवल पत्रकारों की सुरक्षा की दिशा में संस्थागत प्रतिक्रिया है, बल्कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के जनादेश के अनुरूप राज्य की जिम्मेदारी की भी पुनः पुष्टि करता है। इस लेख में एनएचआरसी की भूमिका, कानूनी ढांचा, घटनाओं का विश्लेषण और भारत में प्रेस स्वतंत्रता के लिए निहितार्थों पर विस्तृत चर्चा की गई है। परिचय भारत का मीडिया जगत अपनी विविधता और लोकतांत्रिक सशक्तता के लिए जाना जाता है, किंतु विगत कुछ वर्षों में यह अभूतपूर्व दबावों और हिंस...

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