करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Custodial Deaths in Rajasthan: Police Reforms, Human Rights, and Administrative Accountability | UPSC Perspective
राजस्थान में हिरासत में मौतें: लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए चेतावनी की घंटी अगस्त 2023 से अगस्त 2025 के बीच राजस्थान में पुलिस हिरासत में 20 मौतें दर्ज की गईं। यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल है जो नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक रफीक खान के सवाल पर प्रस्तुत रिपोर्ट ने पुलिस तंत्र, मानवाधिकार और शासन की संवेदनशीलता पर गहरी बहस छेड़ दी है। यह सवाल अब केवल राजस्थान का नहीं, बल्कि पूरे देश की लोकतांत्रिक विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट का संकेत: आंकड़ों के पीछे की तस्वीर रिपोर्ट में बताया गया: 6 मौतें आत्महत्या से जुड़ीं। 12 मौतें स्वास्थ्य समस्याओं , जिनमें 6 हृदयाघात से हुईं। 2 मौतें अस्पष्ट कारणों से हुईं। ये तथ्य दर्शाते हैं कि पुलिस लॉकअप में बंद लोगों के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत दयनीय है। आत्महत्या यह इंगित करती है कि हिरासत एक मनोवैज्ञानिक यातना का स्थल बन चुकी है, जबकि स्वास्थ्य संबंधी मौतें यह दर्शाती हैं कि बुनियादी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। न्यायपालि...