करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
टोमाहॉक मिसाइल: वैश्विक शक्ति का प्रतीक, यूक्रेन संकट में भूमिका और भारत की निर्भय मिसाइल से तुलना परिचय: एक मिसाइल की कहानी जो दुनिया बदल सकती है कल्पना कीजिए एक ऐसा हथियार जो महासागरों से निकलकर हजारों किलोमीटर दूर किसी लक्ष्य को चुपके से नष्ट कर दे, बिना किसी पायलट के जोखिम के। यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि अमेरिकी टोमाहॉक क्रूज मिसाइल की वास्तविकता है। 1970 के दशक में जन्मी यह मिसाइल आज वैश्विक सैन्य रणनीतियों का केंद्रबिंदु बनी हुई है, विशेष रूप से 2025 के यूक्रेन-रूस युद्ध में। अक्टूबर 2025 में, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को इन मिसाइलों की आपूर्ति की संभावना जताई, तो पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिक गईं। यह न केवल सैन्य तकनीक की जीत है, बल्कि कूटनीति का एक शतरंजी दांव भी। इस लेख में हम टोमाहॉक की तकनीकी जड़ों से लेकर उसके ऐतिहासिक उपयोग, वर्तमान विवादों तक की यात्रा करेंगे। साथ ही, भारत की स्वदेशी निर्भय मिसाइल से इसकी तुलना करेंगे, जो 'आत्मनिर्भर भारत' की मिसाल है। यह विश्लेषण न केवल तकनीकी तुलना पर आधारित है, बल्कि भू-राजनीतिक प्रभावों को भी छूता है...