करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Justice Surya Kant Appointed as the 53rd Chief Justice of India: Constitutional Significance, Career Profile, and Judicial Vision
न्यायमूर्ति सूर्य कांत का भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तावना भारतीय न्यायपालिका में 30 अक्टूबर 2025 का दिन एक ऐतिहासिक तिथि के रूप में दर्ज हुआ, जब केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की। वे 24 नवंबर 2025 को न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। यह नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि भारतीय न्यायिक परंपरा की निरंतरता और उसकी संस्थागत मर्यादा का प्रतीक है। वरिष्ठता के सिद्धांत पर आधारित यह निर्णय न्यायपालिका की आत्मनिर्भरता और संतुलित कार्यप्रणाली को पुनः पुष्ट करता है। संवैधानिक एवं प्रक्रियात्मक परिप्रेक्ष्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हालांकि संविधान में ‘वरिष्ठता’ का कोई औपचारिक उल्लेख नहीं है, किंतु 1970s के दशक से यह सिद्धांत न्यायिक परंपरा के रूप में स्थापित हो गया है। “Union of In...