करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत में विदेशी निवेश: नियामकीय सुधार, चुनौतियाँ और अवसर (2025 विश्लेषण) भारत में विदेशी निवेश (FDI और FPI) 2025 पर विस्तृत विश्लेषण। SEBI और RBI के नियामकीय सुधारों, SWAGAT-FI योजना, चुनौतियों, अवसरों और UPSC के दृष्टिकोण को शामिल करने वाला यह निबंध छात्रों, शोधकर्ताओं और पॉलिसी एनालिस्ट्स के लिए उपयोगी है। इसमें पूँजी प्रवाह, रोजगार सृजन, रुपये की स्थिरता, डेटा सुरक्षा और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी प्रमुख बातों पर गहराई से चर्चा की गई है। भारत आज विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह आँकड़ा न केवल भारत की आर्थिक क्षमता को रेखांकित करता है बल्कि इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाता है। आर्थिक विकास, तकनीकी प्रगति और बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए भारी मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है। इस पूँजी का बड़ा हिस्सा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) से आता है। विदेशी निवेश केवल पूँजी ही नहीं बल्कि प्रबंधन कौशल, ...