करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
“मोल्दोवा चुनाव 2025: प्रो-यूरोपीय संघ की ऐतिहासिक जीत और रूस से दूरी की नई दिशा” पूर्वी यूरोप के छोटे मगर रणनीतिक रूप से अहम देश मोल्दोवा ने अपने हालिया संसदीय चुनाव में इतिहास रच दिया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रो-यूरोपीय संघ (EU) सत्तारूढ़ पार्टी ने रूस-समर्थित प्रतिद्वंद्वियों को हराकर स्पष्ट जनादेश हासिल किया है। यह सिर्फ चुनावी नतीजा नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक दिशा तय करने वाला निर्णय है — जो दर्शाता है कि मोल्दोवा अब रूस के प्रभाव क्षेत्र से निकलकर यूरोपीय परिवार का हिस्सा बनने की ओर बढ़ रहा है। एक भू-राजनीतिक ‘टर्निंग प्वाइंट’ सोवियत विघटन के बाद से मोल्दोवा एक ऐसा देश रहा है जो दो ध्रुवों के बीच झूलता रहा — रूस और यूरोप। ट्रांसनिस्ट्रिया जैसे अलगाववादी क्षेत्रों में रूसी सैनिक मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर मोल्दोवा की नई पीढ़ी यूरोपीय लोकतांत्रिक मूल्यों और खुले बाजार की ओर झुकाव रखती है। यह चुनाव इस लंबे खिंचाव वाले रस्साकशी का निर्णायक मोड़ है। जनादेश का संदेश: सुधार, पारदर्शिता और लोकतंत्र राष्ट्रपति माइया सांडू के नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर अंकुश, न्यायिक सुधार और प्रशा...