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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Modi's Virtual ASEAN 2025 Attendance: Diwali Excuse or Trump Avoidance? Analysis of India’s Diplomacy

2025 आसियान शिखर सम्मेलन में भारत की आभासी कूटनीति: रणनीतिक सावधानी या कूटनीतिक चूक? प्रस्तावना 27–28 अक्टूबर 2025 को कुआलालंपुर में आयोजित 47वां आसियान शिखर सम्मेलन इंडो-पैसिफिक की नई शक्ति-संतुलन रेखाओं को परिभाषित करने वाला आयोजन माना जा रहा है। यह वही मंच है, जहाँ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, जापान, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों के प्रमुख नेताओं की भौतिक उपस्थिति ने वैश्विक ध्यान खींचा। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “दीवाली व घरेलू कार्यक्रमों” का हवाला देते हुए आभासी रूप से भाग लेना एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संकेतक बन गया। यह निर्णय न केवल भारत की Act East नीति की दिशा को प्रश्नों के घेरे में लाता है, बल्कि यह भी पूछता है कि क्या यह रणनीतिक विवेक का उदाहरण था या भारत की क्षेत्रीय उपस्थिति में कमी का प्रतीक? एक्ट ईस्ट नीति और आसियान का महत्व भारत के लिए आसियान केवल व्यापारिक भागीदार नहीं, बल्कि इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक एंकर है। 2024-25 में भारत-आसियान व्यापार लगभग 130 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जबकि दक्षिण-पूर...

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