करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
UNGA में जयशंकर का सख्त बयान: पाकिस्तान से जुड़े आतंकी हमलों पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति 27 सितंबर 2025 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र की सामान्य बहस के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक सशक्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि दशकों से कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों की जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हुई हैं। यह बयान न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति को भी रेखांकित करता है। इस लेख में हम जयशंकर के इस बयान के ऐतिहासिक संदर्भ, इसके कूटनीतिक निहितार्थ, और भारत की भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे। आतंकवाद का ऐतिहासिक संदर्भ पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद का मुद्दा भारत के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। 1990 के दशक से लेकर अब तक, कई बड़े आतंकी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता बार-बार सामने आई है। 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2008 का मुंबई हमला (26/11), 2016 का पठानकोट हमला, और 2019 का पुलवामा हमला इसके प्रमुख उदाहरण हैं। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आ...