करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
थाईलैंड और कंबोडिया का 2025 शांति समझौता: दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता की नई सुबह परिचय दक्षिण-पूर्व एशिया की राजनीतिक संरचना लंबे समय से सीमा विवादों, औपनिवेशिक विरासतों और राष्ट्रवाद के टकरावों से जूझती रही है। ऐसे ही एक संवेदनशील विवाद का अंत 26 अक्टूबर 2025 को हुआ, जब कुआलालंपुर में आयोजित 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड और कंबोडिया ने एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प की मध्यस्थता में संभव हुआ, जिसने न केवल हालिया सैन्य टकराव को समाप्त किया बल्कि क्षेत्र में सहयोग और स्थिरता के एक नए अध्याय की शुरुआत की। यह समझौता उस लंबे संघर्ष के समापन का प्रतीक है जिसने दशकों तक दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित किया था। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: औपनिवेशिक सीमाओं की विरासत थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद की जड़ें 19वीं सदी में निहित हैं, जब फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन ने सीमांकन की रेखाएँ खींचीं। ये रेखाएँ स्थानीय भौगोलिक वास्तविकताओं की तुलना में औपनिवेशिक हितों पर आधारित थीं। विवाद का केंद्र बिंदु रहा प्रीह विहार मं...