करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Tribal Pride Day 2025: Celebrating Birsa Munda’s 150th Birth Anniversary and India’s Indigenous Legacy
जनजातीय गौरव दिवस: आदिवासी विरासत का उत्सव और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती परिचय भारत का स्वतंत्रता संग्राम केवल दिल्ली, मुंबई या कोलकाता जैसे शहरों की सीमाओं में नहीं सिमटा था, बल्कि यह संघर्ष जंगलों, पहाड़ियों और आदिवासी अंचलों में भी उतनी ही प्रखरता से लड़ा गया था। इन्हीं आदिवासी संघर्षों की विरासत के केंद्र में हैं भगवान बिरसा मुंडा—एक ऐसे युवा नायक, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध “उलगुलान” (महान विद्रोह) का बिगुल फूंका और आदिवासी स्वाभिमान का प्रतीक बन गए। 15 नवंबर को मनाया जाने वाला “जनजातीय गौरव दिवस” बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में 2021 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया गया था। यह दिवस न केवल एक ऐतिहासिक स्मृति है, बल्कि भारत की विविधता, लोक संस्कृति और जनजातीय अस्मिता का राष्ट्रीय उत्सव भी है। 2025 में जब यह दिवस पांचवीं बार मनाया जा रहा है, तब यह अवसर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के समापन का प्रतीक भी बन रहा है। भगवान बिरसा मुंडा: धरती आबा और उलगुलान के अग्रदूत भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातु गांव में हुआ। ...