करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत–मॉरीशस संबंध: ऐतिहासिक बंधनों से रणनीतिक साझेदारी तक प्रस्तावना मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की हालिया भारत-यात्रा (9–16 सितंबर 2025) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्च 2025 मॉरीशस यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई गति दी है। सांस्कृतिक-ऐतिहासिक समानताओं पर आधारित यह संबंध अब हिंद महासागर क्षेत्र में एक “ उन्नत रणनीतिक साझेदारी ” का रूप ले चुका है। यह बदलाव न केवल द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करता है, बल्कि वैश्विक दक्षिण (Global South) में भारत की बढ़ती भूमिका का भी संकेत है। ऐतिहासिक जुड़ाव की विरासत दोनों देशों के रिश्तों की जड़ें गिरमिटिया श्रमिकों के उस प्रवासन में हैं जिसने मॉरीशस के सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने को गहराई से प्रभावित किया। आप्रवासी घाट और ‘आप्रवासी दिवस’ इसका प्रतीक हैं। यह ऐतिहासिक पूंजी भारत को मॉरीशस में विशिष्ट नैतिक व सांस्कृतिक वैधता प्रदान करती है, जिसे महात्मा गांधी के 1901 के दौरे और बाद में शिक्षा-सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना ने और सुदृढ़ किया। रणनीतिक सहयोग का उभार मॉरीशस अब केवल “छोटा भारत” नहीं, बल्कि हिंद महासागर मे...