करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
पुतिन की भारत यात्रा: क्या इससे भारत-रूस संबंधों को नया आकार मिलेगा? भू -राजनीतिक विश्लेषण भूमिका: बहुध्रुवीय विश्व में एक निर्णायक कूटनीतिक क्षण भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रणनीतिक संबंध 4–5 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गए। यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2022 के यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की पहली राजकीय यात्रा है —एक ऐसी यात्रा जिसने न केवल वैश्विक आलोचना के वातावरण में रूस की एशिया-उन्मुख कूटनीति को प्रदर्शित किया, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को भी प्रमुखता से सामने रखा। ऐसे समय में जब अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लागू कर रहा है और भारत पर मॉस्को से दूरी बनाने का अप्रत्यक्ष दबाव बढ़ा रहा है, पुतिन की यह यात्रा बहुध्रुवीय भू-राजनीति में उभरते संतुलन का संकेत देती है। यह यात्रा केवल परंपरागत संबंधों के उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि इस प्रश्न को जन्म देती है— क्या यह यात्रा भारत–रूस संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करेगी, या यह केवल मौजूदा दिशा को और मजबूत करेगी? इस लेख का मत स्पष्ट है: यह...