करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Dharmendra Passes Away at 89: End of an Era for Bollywood’s He-Man | Legendary Actor Dies on 24 November
धर्मेंद्र: भारतीय सिनेमा के ही-मैन की विरासत, उपलब्धियाँ और सांस्कृतिक प्रभाव का विश्लेषण सारांश (Abstract) धर्मेंद्र (1935–2025) भारतीय जनमानस के उन विरले कलाकारों में से थे जिन्होंने सिनेमा में केवल अभिनय नहीं किया, बल्कि उसे जिया और अपनी जीवंत उपस्थिति से एक सांस्कृतिक युग का निर्माण किया। छह दशकों में फैले उनके करियर ने हिंदी सिनेमा को वैचारिक, सौंदर्यात्मक और भावनात्मक—तीनों स्तरों पर दिशा दी। 24 नवंबर 2025 को उनका निधन केवल उनकी विरासत का अवसान ही नहीं, बल्कि एक युग का अंत भी है। यह लेख धर्मेंद्र के जीवन, अभिनय-शिल्प, सांस्कृतिक प्रभाव और फिल्म इतिहास में उनकी प्रासंगिकता का विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें उनकी कला की व्यापकता और मानवीय संवेदनशीलता का बहुआयामी स्वरूप उभरता है। परिचय (Introduction) धर्मेंद्र का नाम हिंदी सिनेमा की स्मृतियों में कभी भी केवल एक अभिनेता के रूप में नहीं रहा; वे लोक-नायक, आदर्श-पुरुष और मानवीय संवेदना के प्रतीक के रूप में उभरे। 1950–60 के दशक में जब भारत नव-स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी सांस्कृतिक पहचान खोज रहा था, धर्मेंद्र उस खोज के मानवीय,...