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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Doha Peace Talks: Pakistan-Afghanistan Border Tensions and the Search for Lasting Stability

दोहा में शांति वार्ता: पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा तनाव के बाद समझौते की राह सारांश पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया सीमा संघर्ष, जो अक्टूबर 2025 में दोहा में आयोजित शांति वार्ता और नाजुक युद्धविराम में परिणत हुआ, दक्षिण एशियाई भू-राजनीति के लिए एक निर्णायक क्षण है। एक सप्ताह तक चली हिंसक झड़पों — जिनमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए — ने दोनों देशों के संबंधों में दशकों से चली आ रही अविश्वास और वैचारिक टकराव को फिर से उजागर कर दिया। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में आरंभ हुई इस वार्ता ने क्षेत्रीय स्थिरता, सीमा प्रबंधन और आतंकवाद-निरोधी सहयोग जैसे विषयों को पुनः केंद्र में ला दिया है। यह लेख ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, तात्कालिक कारणों, वार्ता की प्रक्रिया और संभावित परिणामों का विश्लेषण करता है। लेख का तर्क है कि दोहा का यह कूटनीतिक प्रयास केवल अस्थायी राहत नहीं, बल्कि स्थायी शांति के लिए एक संभावित प्रारंभिक ढांचा बन सकता है — बशर्ते दोनों देश अपने ऐतिहासिक अविश्वास को व्यावहारिक सहयोग में बदलें। परिचय दुर्रंड रेखा — 1893 में ब्रिटिश भारत द्वारा खींची गई 2,640 किलोमीटर लंबी...

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