करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Rohingya Crisis Explained: From Historical Roots in Myanmar to the Genocide Case at the International Court of Justice
रोहिंग्या संकट: इतिहास की परछाइयों से अंतरराष्ट्रीय न्याय के कटघरे तक इतिहास कभी अचानक घटित नहीं होता। वह धीरे-धीरे बनता है—सदियों की स्मृतियों, भूलों, भय और सत्ता के निर्णयों से। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जो घटित हुआ, वह भी किसी एक वर्ष, एक सैन्य अभियान या एक राजनीतिक सरकार का परिणाम नहीं है। यह एक लंबी ऐतिहासिक प्रक्रिया का निष्कर्ष है, जिसकी जड़ें औपनिवेशिक काल में हैं और जिसकी परिणति आज अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के कठघरे में खड़े म्यांमार राज्य के रूप में दिखाई देती है। इतिहास की शुरुआत: सहअस्तित्व से संदेह तक म्यांमार का पश्चिमी तटीय क्षेत्र—अराकान या आज का राखाइन राज्य—कभी व्यापार, संस्कृति और धर्मों के मेल का क्षेत्र था। अरब, फारसी और बंगाली व्यापारियों के साथ इस्लाम यहाँ पहुँचा और समय के साथ एक मुस्लिम समुदाय विकसित हुआ, जिसे आज रोहिंग्या कहा जाता है। मध्यकालीन अराकान में बौद्ध और मुस्लिम समुदायों का सहअस्तित्व असामान्य नहीं था। परंतु आधुनिक राष्ट्र-राज्य की अवधारणा ने इस सहअस्तित्व को संदेह में बदल दिया। जैसे-जैसे पहचान “स्थानीय” और “बाहरी” के खाँचों में...