करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत का प्रमुख वैश्विक सूचकांकों में प्रदर्शन: एक व्यापक विश्लेषणात्मक अध्ययन परिचय वर्तमान वैश्वीकृत युग में किसी भी राष्ट्र की प्रगति का मापन केवल उसकी आर्थिक वृद्धि दर या औद्योगिक उत्पादन से नहीं किया जा सकता। इसके लिए विविध वैश्विक सूचकांक विकसित किए गए हैं जो नवाचार, लैंगिक समानता, मानव विकास, भूख, सुशासन तथा नागरिक गतिशीलता जैसे बहुआयामी पहलुओं का समग्र मूल्यांकन करते हैं। ये सूचकांक न केवल अंतरराष्ट्रीय तुलना का माध्यम हैं, बल्कि नीति निर्माण, वैश्विक प्रतिष्ठा, और सामाजिक प्रगति के लिए दिशासूचक का कार्य भी करते हैं। यह अध्ययन वर्ष 2025 (हेनले पासपोर्ट सूचकांक हेतु 2024) तक भारत की स्थिति का विश्लेषण करता है, जिससे यह समझा जा सके कि भारत किन क्षेत्रों में उन्नति कर रहा है, और कहाँ नीति-स्तरीय सुधार की आवश्यकता है। 1. वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index – 2025): 139 में से 38वाँ स्थान विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रकाशित यह सूचकांक किसी देश की नवाचार क्षमता, अनुसंधान निवेश, पेटेंट, ज्ञान सृजन, और स्टार्टअप इकोसिस्टम का मूल्यांकन करता है। भारत का...