करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
आर. के. लक्ष्मण अवार्ड फॉर एक्सीलेंस: सृजन, समाज और संवेदना का संगम 🔹 प्रस्तावना भारतीय सिनेमा और कला जगत में ऐसे व्यक्तित्व कम ही होते हैं जो समाज को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि चिंतन की दिशा भी देते हैं। वर्ष 2025 में अभिनेता आमिर खान को दिया जा रहा पहला “आर. के. लक्ष्मण अवार्ड फॉर एक्सीलेंस” केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि भारतीय सृजनशीलता और नैतिक बौद्धिकता के मिलन का प्रतीक है। यह सम्मान महान कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण की स्मृति में उनके परिवार द्वारा आरंभ किया गया है, जिनकी “कॉमन मैन” (The Common Man) की रचनाएँ भारतीय समाज के विवेक और व्यंग्य के शाश्वत प्रतीक रही हैं। 🔹 आर. के. लक्ष्मण: व्यंग्य से समाज का दर्पण आर. के. लक्ष्मण का योगदान केवल चित्रकला या कार्टून तक सीमित नहीं था, बल्कि वे लोकतांत्रिक समाज की अंतःसंवेदना को उकेरने वाले दार्शनिक भी थे। उनके बनाए “कॉमन मैन” पात्र ने राजनीति, नौकरशाही और सामाजिक विसंगतियों पर जो मौन टिप्पणी की, वह आम नागरिक के अनुभवों का जीवंत रूप थी। उनका कार्य यह सिद्ध करता है कि कला केवल सौंदर्य की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का म...