करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Hybrid Threats and State Sovereignty: Lithuania–Belarus Balloon Crisis as a Case Study in Contemporary Geopolitics (A UPSC Essay-Style Analytical Article) भूमिका: आधुनिक विश्व व्यवस्था में संप्रभुता की नई परीक्षा 21वीं सदी की अंतरराष्ट्रीय राजनीति ऐसे चरण में प्रवेश कर चुकी है जहाँ युद्ध और शांति की पारंपरिक सीमाएँ धुंधली हो रही हैं। संघर्ष अब केवल गोलाबारी, सैनिक जुटान या सीमा पार आक्रमण तक सीमित नहीं रहा; बल्कि राज्य अपने प्रतिद्वंद्वी को अस्थिर करने के लिए ऐसी रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं जो दिखने में तो असैन्य और मामूली जान पड़ती हैं, परंतु उनके प्रभाव व्यापक, दीर्घकालिक और रणनीतिक होते हैं। इन्हें ही आधुनिक सुरक्षा साहित्य में हाइब्रिड थ्रेट्स कहा जाता है। यूरोप के बाल्टिक क्षेत्र में 2025 में लिथुआनिया द्वारा घोषित राष्ट्रीय आपातकाल—बेलारूस से आने वाले स्मगलिंग गुब्बारों के कारण—इसी हाइब्रिड युद्ध की एक शिक्षाप्रद मिसाल है। यह प्रकरण दर्शाता है कि संप्रभुता पर आघात हमेशा बमों और मिसाइलों से नहीं होता; कई बार एक साधारण गुब्बारा भी राष्ट्र की सुरक्षा संरचना को चुनौती दे सकता ...