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Pahalgam Attack Fallout: How a Pakistani Mother Lost Her Child at the Wagah Border

सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...

UPSC 2024 Topper Shakti Dubey’s Strategy: 4-Point Study Plan That Led to Success in 5th Attempt

UPSC 2024 टॉपर शक्ति दुबे की रणनीति: सफलता की चार सूत्रीय योजना से सीखें स्मार्ट तैयारी का मंत्र

लेखक: Arvind Singh PK Rewa | Gynamic GK

परिचय:

हर साल UPSC सिविल सेवा परीक्षा लाखों युवाओं के लिए एक सपना और संघर्ष बनकर सामने आती है। लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी इस कठिन परीक्षा को पार कर पाते हैं। 2024 की टॉपर शक्ति दुबे ने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि एक बेहद व्यावहारिक और अनुशासित दृष्टिकोण के साथ सफलता की नई मिसाल कायम की। उनका फोकस केवल घंटों की पढ़ाई पर नहीं, बल्कि रणनीतिक अध्ययन पर था।


कौन हैं शक्ति दुबे?

शक्ति दुबे UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर हैं। यह उनका पांचवां प्रयास था, लेकिन इस बार उन्होंने एक स्पष्ट, सीमित और परिणामोन्मुख रणनीति अपनाई। न उन्होंने कोचिंग की दौड़ लगाई, न ही घंटों की संख्या के पीछे भागीं। बल्कि उन्होंने “टॉपर्स के इंटरव्यू” और परीक्षा पैटर्न का विश्लेषण कर अपनी तैयारी को एक फोकस्ड दिशा दी।


शक्ति दुबे की UPSC तैयारी की चार मजबूत आधारशिलाएँ

1. सुबह की शुरुआत करेंट अफेयर्स से

उन्होंने बताया कि सुबह उठते ही उनका पहला काम होता था – करेंट अफेयर्स पढ़ना। यह दैनिक आदत उनकी समसामयिक समझ को मजबूत करती थी, जो प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू तीनों के लिए बेहद जरूरी है। हमारे ब्लॉग का मुख्य फोकस इसी उद्देश्य की पूर्ति है। इनके लिए हम The Hindu, Indian Express, PIB, ET और TOI पर पैनी नज़र रखते हैं।

इसके अलावा आप किसी मंथली मैग्जीन को भी अपनी पढ़ाई में शामिल कर सकते हैं।


2. GS (General Studies) की स्थिर और निरंतर तैयारी

GS के चारों पेपरों के लिए उन्होंने विषयवार माइक्रो-प्लानिंग की। टॉपिक को बार-बार रिवाइज करने और उनसे जुड़े आंसर राइटिंग प्रैक्टिस पर ज़ोर दिया।

इस खंड की तैयारी में भी हमारा ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित होगा क्योंकि हम  GS का चारों पेपर के उस पार्ट को जरूर कवर करने की कोशिश कर रहे हैं जिनके उत्तर बुक्स में सीधे तौर पर नहीं मिलते,जिनकी प्रकृति डायनामिक है। इसलिए हमने अपने ब्लॉग का नाम DYNAMIC GK रखा है। हलाकि GK के स्थान पर GS होना चाहिए था लेकिन GK ज्यादा वॉल्यूम वाला कीवर्ड है इसलिए इसका इस्तेमाल किया है।

रणनीति:

  • NCERT बुक्स से कॉन्सेप्ट्स क्लियर करके बेस तैयार करना।
  • स्टैंडर्ड बुक्स (Laxmikant, GC Leong, Spectrum आदि)
  • पुराने वर्षों के प्रश्नपत्रों से विश्लेषण

3. ऑप्शनल सब्जेक्ट की गहराई से तैयारी

शक्ति दुबे (सेकंड टॉपर हर्षिता गोयल का भी) ऑप्शनल विषय था — PSIR। उन्होंने ऑप्शनल को मात्र स्कोरिंग विषय नहीं माना, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र माना जिसमें वो खुद को व्यक्त कर सकें।

हमारा स्पेशलाइजेशन PSIR ही है इसलिए इस भाग की तैयारी में हमारा ब्लॉग और अधिक आगे चलकर उपयोगी होने वाला है। 

अभ्यास:

  • डायग्राम, केस स्टडी, और रियल लाइफ उदाहरणों का उपयोग।
  • पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास
  • सीमित स्रोतों से बार-बार रिविजन

4. टेस्ट प्रैक्टिस: आत्म-मूल्यांकन का हथियार

उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रत्येक दिन एक स्लॉट केवल टेस्ट प्रैक्टिस के लिए निर्धारित किया था – चाहे वह प्रीलिम्स का MCQ हो या मेंस का उत्तर लेखन।

प्रमुख बिंदु:

  • टाइम बाउंड टेस्ट
  • मूल्यांकन के बाद उत्तरों का विश्लेषण
  • फीडबैक के आधार पर सुधार

शक्ति दुबे की 3 खास सीखें, जो हर अभ्यर्थी को अपनानी चाहिए:

  1. स्मार्ट वर्क > हार्ड वर्क और पढ़ाई के घंटे नहीं,ठोस रणनीति काम आती है।
  2. कंसिस्टेंसी: प्रतिदिन एक-एक कदम आगे बढ़ाना ही सफलता की कुंजी है।पढ़ाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
  3. मनोबल बनाए रखें: पांचवें प्रयास में सफलता, इस बात का प्रमाण है कि धैर्य और आत्मविश्वास से ही मंजिल मिलती है। अर्थात तैयारी प्रारंभ करने के बाद अगले 5-10 वर्ष तक अपने आत्मविश्वास को बनाये रखें।मुख्य परीक्षा में ऑप्शनल के तौर पर ऐसे ही विषय का चुनाव करें जिसमें बिना बोर हुए अपना 5-10 साल दे सकें, जिसमें आपकी रुचि हो, जिसमें आपकी अभिव्यक्ति सबसे अच्छी हो।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए अंतिम सुझाव:

  • टॉपर्स की रणनीतियों से प्रेरणा लें, लेकिन खुद के लिए व्यावहारिक योजना बनाएं।
  • सीमित स्रोतों पर बार-बार अभ्यास करें।
  • आंसर राइटिंग और टेस्ट सीरीज़ को प्राथमिकता दें।
  • करेंट अफेयर्स को रोज़ाना की आदत में शामिल करें।
  • विफलताओं से न डरें, हर प्रयास से सीखें।

निष्कर्ष:

शक्ति दुबे की सफलता यह दर्शाती है कि UPSC जैसी कठिन परीक्षा भी एक सुस्पष्ट, केंद्रित और व्यावहारिक योजना से पास की जा सकती है। उनकी यह चार सूत्रीय रणनीति उन हजारों अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है जो अगले प्रयास में सफलता की उम्मीद रखते हैं।


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