करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम: संप्रभुता और वैश्विक सुरक्षा के बीच संतुलन उत्तर कोरिया ने 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्पष्ट किया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को कभी नहीं छोड़ेगा। इस बयान ने न केवल वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के परिदृश्य को भी चुनौती दी है। उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने इसे राष्ट्रीय संप्रभुता और अस्तित्व का अभिन्न हिस्सा बताया और परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग को "संप्रभुता का आत्मसमर्पण" करार दिया। यह रवैया किसी भी दृष्टिकोण से नई बात नहीं है। दशकों से उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को देश की सुरक्षा और राजनीतिक आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। लेकिन 21वीं सदी की वैश्विक सुरक्षा संरचना में ऐसे एकतरफा परमाणु विस्तार को नजरअंदाज करना आसान नहीं। विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ती सैन्य गतिशीलता को देखते हुए, उत्तर कोरिया का यह कदम क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। इस बीच, रूस और चीन ने कूटनीतिक वार्ता को बढ़ावा...