करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
अफगानिस्तान में गहराता संकट: वैश्विक समुदाय के लिए चेतावनी अफगानिस्तान आज एक अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है, जहां तालिबान का कट्टरपंथी शासन, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल अलगाव और आर्थिक पतन ने मिलकर देश को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। यह संकट केवल अफगान नागरिकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि यदि तत्काल और समन्वित कार्रवाई नहीं की गई, तो इसके परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। मानवाधिकारों पर हमला और डिजिटल दमन 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकारों का व्यवस्थित उल्लंघन हो रहा है। महिलाओं और लड़कियों पर लगाए गए कठोर प्रतिबंध—जैसे माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर रोक, रोजगार और आवागमन की स्वतंत्रता पर पाबंदी, और सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने का आदेश—ने समाज को दशकों पीछे धकेल दिया है। तालिबान का नया कानून, जो "सदाचार की प्रोत्साहन और व्यभिचार की रोकथाम" के नाम पर महिलाओं की आवाज को सार्वजनिक रूप से दबाता है, लैंगिक भेदभाव का एक क्रूर उदाहरण है। पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और पू...