करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
“अयोध्या ध्वजारोहण समारोह: राम मंदिर की पूर्णता और भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ऐतिहासिक क्षण” सारांश अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का पुनर्निर्माण भारतीय सभ्यता के दीर्घकालिक सांस्कृतिक संवाद, विधिक विमर्श और सामुदायिक आकांक्षाओं का संगम है। 25 नवंबर 2025 को निर्धारित ध्वजारोहण समारोह न केवल मंदिर-निर्माण प्रक्रिया की औपचारिक पूर्णता का सूचक है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतिमान के रूप में उभरते अयोध्या के व्यापक सामाजिक-राजनीतिक महत्व को भी रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति इस आयोजन को नीतिगत, प्रतीकात्मक तथा राजनीतिक संदर्भों से भी जोड़ती है। यह शोधपत्र ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वास्तुशिल्पीय, धार्मिक और समसामयिक प्रशासनिक—सभी दृष्टियों से ध्वजारोहण समारोह के महत्व का विश्लेषण प्रस्तुत करता है तथा दर्शाता है कि यह क्षण भारत की सामूहिक स्मृति और आधुनिक राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया के बीच एक सेतु का कार्य करता है। 1. प्रस्तावना रामायणीय परंपरा में अयोध्या सदियों से धर्म, राज्यनीति और सांस्कृतिक नैतिकता का केंद्र रही है। रामकथा का यह भूभाग इतिहास, धर्मश...