करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
PM Narendra Modi’s Constitution Day Message: Duty-Oriented Citizenship and India’s Journey Toward Viksit Bharat
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश: कर्तव्य-उन्मुख नागरिकता और विकसित भारत की दिशा सारांश (Abstract) भारतीय संविधान दिवस (26 नवम्बर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया संदेश कर्तव्यों-उन्मुख नागरिकता (duty-based citizenship) पर गहरा बल देता है। यह लेख इस संदेश का विश्लेषण भारत में संवैधानिक राष्ट्रवाद, नागरिक दायित्व और शासन-संस्कृति के बदलते विमर्शों के संदर्भ में करता है। अध्ययन यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री का कर्तव्य-केन्द्रित आग्रह भारतीय राजनीतिक विचार, विशेष रूप से गांधी, अंबेडकर और आधुनिक विकास-राज्य की अवधारणा, से कैसे संवाद स्थापित करता है और “विकसित भारत” के व्यापक नैरेटिव में किस प्रकार समाहित होता है। 1. भूमिका (Introduction) संविधान दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री का संदेश केवल एक औपचारिक वक्तव्य नहीं था, बल्कि समकालीन भारतीय शासन-दर्शन में कर्तव्यों की पुनर्परिभाषा का महत्वपूर्ण प्रयास भी था। जहाँ भारत का राजनीतिक विमर्श लंबे समय से अधिकार-केंद्रित रहा है, वहीं प्रधानमंत्री का आग्रह यह संकेत देता है कि अधिकार और कर्तव्य दोनों एक-दूसरे को पूरक करत...