करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
चीन की तेल भंडारण रणनीति — भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का सबक विश्व राजनीति और अर्थव्यवस्था का सबसे निर्णायक तत्व आज “ऊर्जा” बन चुकी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ऊर्जा की आपूर्ति और मूल्य किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता और कूटनीतिक ताकत को गहराई से प्रभावित करते हैं। इसी पृष्ठभूमि में चीन द्वारा हाल ही में अपनी रणनीतिक तेल भंडारण क्षमता में तेज़ी से विस्तार करने की खबर केवल एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। यह कदम भारत सहित सभी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सबक प्रस्तुत करता है — कि ऊर्जा सुरक्षा केवल संसाधन का प्रश्न नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का मूल स्तंभ है। 🔹 चीन की दीर्घदृष्टि: ऊर्जा को शक्ति में बदलने की नीति रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने बीते दो वर्षों में अपने तेल भंडारण स्थलों की संख्या और क्षमता दोनों को अभूतपूर्व गति से बढ़ाया है। यह केवल आपूर्ति व्यवधान से बचाव का उपाय नहीं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार पर प्रभाव जमाने की एक रणनीतिक चाल है। चीन का लक्ष्य है कि वैश्विक स...