करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
पूर्वी कांगो में M23 विद्रोह: ऐतिहासिक जटिलताएँ, अमेरिकी मध्यस्थता और संभावित “अनौपचारिक राष्ट्र-विभाजन” का उभरता परिदृश्य भूमिका: अफ्रीका के ग्रेट लेक्स क्षेत्र की लम्बी सुलगती आग कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के पूर्वी भाग में आज जो संघर्ष दिखाई देता है, वह किसी अचानक भड़की आग का परिणाम नहीं है—यह उन ऐतिहासिक दरारों की निरंतरता है, जो 1990 के दशक में रवांडा नरसंहार, शरणार्थी संकट, सीमा-पार विद्रोह और महाशक्तियों की प्रतिस्पर्धा के साथ गहरी होती चली गईं। 1994 के नरसंहार में लगभग 8 लाख तुत्सी और मध्यमार्गी हुतु मारे गए। नरसंहार के अपराधी इंटराहाम्वे के हजारों सदस्य और लाखों हुतु शरणार्थी कांगो के पूर्वी क्षेत्रों में जा बसे। इससे क्षेत्र में ऐसी जातीय-सुरक्षा राजनीति जन्मी, जिसमें रवांडा सरकार की चिंताएँ (FDLR जैसे हुतु मिलिशिया के खिलाफ) और कांगो की प्रशासनिक विफलताएँ एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का आधार बन गईं। 1996–2003 के बीच छिड़ा “अफ्रीका का विश्व युद्ध” नौ देशों की प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष संलिप्तता का परिणाम था। 50 लाख से अधिक मौतें, कांगो की खनिज-संपदा (कोल्टन, कोबाल्ट, सोना)...